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स्वास्थ्य ज्योतिष: कुंडली में छुपा है रोग-मृत्यु का रहस्य

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  स्वास्थ्य और जीवन की दीर्घायु हर व्यक्ति की प्राथमिकता होती है। चाहे किसी भी उम्र के हों, हर इंसान चाहता है कि उसका शरीर स्वस्थ रहे और वह लंबा जीवन जिए। लेकिन कई बार जीवन में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं अचानक सामने आ जाती हैं, जिनके कारणों को समझना मुश्किल होता है। ऐसी परिस्थितियों में वैदिक ज्योतिष न केवल समस्याओं का कारण बताती है बल्कि उनके समाधान भी प्रदान करती है। स्वास्थ्य ज्योतिष/health astrology के अनुसार, हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में रोग और मृत्यु से जुड़े संकेत छिपे होते हैं। आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं। जन्म कुंडली में रोग का समय ज्योतिष में जन्म कुंडली को व्यक्ति के स्वास्थ्य का आईना माना गया है। इसमें रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत छठे, आठवें और बारहवें भाव से मिलता है। इन भावों में स्थित ग्रह और उनकी दशा, महादशा, और गोचर से रोगों के समय और प्रकार का अनुमान लगाया जा सकता है। छठा भाव (षष्ठ भाव) छठा भाव रोग, शत्रु, और ऋण का भाव माना जाता है। इस भाव में स्थित ग्रह किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालते हैं। 1. राहु और केतु : राहु छठ...

नए साल की शुरुआत अच्छे स्वास्थ्य के साथ, रोजाना करें ज्योतिषी द्वारा बताई गई ये 5 चीजें

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  नया साल हमारे जीवन में नये अवसर लेकर आता है और हम सभी यह चाहते हैं कि यह साल हमारे लिए खुशहाली, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के साथ बीते। अगर आप इस साल को अपने जीवन के सबसे अच्छे साल के रूप में देखना चाहते हैं, तो आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना होगा। स्वास्थ्य ज्योतिषी के अनुसार, कुछ सरल उपाय और दिनचर्या आपके जीवन को बेहतर बना सकती हैं। आइये जानते हैं उन 5 चीजों के बारे में, जिन्हें यदि आप रोज़ाना अपने जीवन में शामिल करेंगे तो न केवल आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, बल्कि जीवन में सफलता और समृद्धि भी आएगी। 1. सूर्य नमस्कार करें ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सूर्य को जीवन का मुख्य कारक माना गया है। सूर्य हमारी ऊर्जा का स्रोत है और उसे रोज़ाना नमस्कार करने से शरीर में ताजगी और ऊर्जा का संचार होता है। सूर्य नमस्कार से शरीर के सभी अंगों को लाभ मिलता है और मन शांत रहता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत को भी सुधारता है। कैसे करें: रोज़ सुबह सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करें। इस प्रक्रिया में 12 अलग–अलग योगासन होते हैं, जो पूरे शरीर को स्वस्थ और सक्रिय बनाते हैं। 2. पानी का सेवन क...

चिकित्सा ज्योतिष – चिकित्सा विज्ञान का ऐतिहासिक पहलू

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  चिकित्सा विज्ञान और ज्योतिष, दोनों ही मानव जीवन के अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू हैं, जो हमारे स्वास्थ्य, जीवनशैली और समग्र कल्याण से संबंधित हैं। हालांकि यह दो अलग–अलग क्षेत्र हैं, लेकिन चिकित्सा ज्योतिष ( Medical Astrology ) एक ऐसी प्राचीन विद्या है जो इन दोनों को जोड़ती है। यह ज्योतिष का एक अद्भुत रूप है जो हमारे स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए कुंडली और ग्रहों की स्थिति का उपयोग करता है। इस ब्लॉग में हम चिकित्सा ज्योतिष के ऐतिहासिक पहलू पर चर्चा करेंगे और देखेंगे कि कैसे यह विद्या हमारे जीवन में योगदान करती है। चिकित्सा ज्योतिष का आरंभ चिकित्सा ज्योतिष का इतिहास बहुत पुराना है। यह प्राचीन भारत और ग्रीस में उत्पन्न हुआ था। आयुर्वेद, जो भारतीय चिकित्सा प्रणाली का आधार है, ज्योतिष के साथ जुड़ा हुआ था। आयुर्वेद में यह विश्वास था कि शरीर के प्रत्येक अंग पर ग्रहों का प्रभाव होता है, और इन ग्रहों की स्थिति से यह निर्धारित होता है कि व्यक्ति को कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। ग्रहों के प्रभाव का अध्ययन करके, ज्योतिषी यह अनुमान लगा सकते थे कि किसी व्यक्ति के लिए कौन सी चिकित्सा पद्धतिय...

मृत्यु आने से पहले मिलते हैं ये संकेत, जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष?

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  जीवन   में   हर   किसी   की   एक   निश्चित   आयु   होती   है ,  और   यह   आयु   कब   पूरी   होगी ,  यह   तो   कोई   नहीं   जान   सकता।   लेकिन   क्या   आप   जानते   हैं   कि   ज्योतिष   शास्त्र   में   कुछ   ऐसे   संकेत   होते   हैं ,  जो   जीवन   के   अंत   को   संकेतित   करते   हैं ?  जी   हां ,  चिकित्सा   ज्योतिष   और   स्वास्थ्य   ज्योतिष   के   माध्यम   से   हम   अपने   जीवनकाल   और   स्वास्थ   से   संबंधित   कई   महत्वपूर्ण   पहलुओं   को   समझ   सकते   हैं।   आइए   जानते   हैं   कि   मृत्यु   के   संकेतों   के   बारे   में   क्या   कहती   है   ज्योतिष ,  और    ...