यदि कुंडली मिलान के अंक कम हैं तो क्या करें

कुंडली मिलान भारतीय विवाह प्रथा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विशेष रूप से हिंदू धर्म में, विवाह से पहले दो व्यक्तियों की कुंडली मिलाकर उनकी जोड़ी के साथ संतान सुख, जीवन की सुख–शांति और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में कुंडली मिलान की भूमिका अहम होती है, जहां दोनों की कुंडलियों के विभिन्न गुणों का मिलान किया जाता है। आमतौर पर इसे 36 गुणों के आधार पर किया जाता है, जिसमें से अधिकतम अंक मिलने पर विवाह को शुभ माना जाता है। लेकिन यदि कुंडली मिलान के अंक कम आते हैं, तो क्या करना चाहिए? क्या यह विवाह को रुकवा सकता है, या फिर इसका कोई समाधान है? इस लेख में ड़ॉ विनय बजरंगी इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे। कुंडली मिलान के लिए गुणों का महत्व कुंडली मिलान में कुल 36 गुणों का मिलान किया जाता है, और प्रत्येक गुण के मिलने से जो अंक मिलते हैं, वे जीवन के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी करते हैं। इनमें से प्रमुख गुणों में शामिल हैं: वांशिक गुण : यह गुण परिवारिक जीवन की सुख–शांति और संतान सुख से संबंधित होता है। धन और सुख का गुण : यह गुण आर्थिक स्थिति और...