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ज्योतिषीय पहलुओं को समझना: आपके जन्म कुंडली को समझने की कुंजी

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  ज्योतिष विज्ञान केवल भविष्य बताने का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू को गहराई से समझने की एक कला है। इसमें जन्म कुंडली या कुंडली विश्लेषण का विशेष महत्व है, जो हमारे जीवन की दिशा, निर्णय और संभावनाओं को स्पष्ट करती है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य Dr Vinay Bajrangi के अनुसार, यदि आप अपने ज्योतिषीय पहलुओं को सही तरीके से समझ लेते हैं, तो आप अपने जीवन के कई उतार–चढ़ाव से पहले ही सचेत हो सकते हैं और सही समय पर सही निर्णय ले सकते हैं। ज्योतिषीय पहलू (Astrological Aspects) क्या हैं? ज्योतिषीय पहलू का मतलब है ग्रहों की एक–दूसरे के प्रति कोणीय स्थिति और उनका प्रभाव। जब ग्रह अपनी स्थिति के आधार पर एक–दूसरे को दृष्टि करते हैं, तो वे हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों — जैसे करियर , स्वास्थ्य , विवाह भविष्यवाणि , और आर्थिक स्थिति  — पर गहरा असर डालते हैं। जन्म कुंडली में पहलुओं का महत्व आपकी जन्म कुंडली 12 भावों और 9 ग्रहों पर आधारित होती है। प्रत्येक ग्रह का अपना स्वभाव , दृष्टि कोण और प्रभाव क्षेत्र होता है। · सकारात्मक पहलू जीवन में उन्नति, अवसर और स्थिरता लात...

क्या शादी के बाद कुंडली बदल जाती है? – एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण

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  भारतीय संस्कृति में कुंडली ( जन्म पत्रिका ) का विशेष महत्व है। जीवन के हर बड़े निर्णय जैसे शादी , करियर, संतान आदि से पहले कुंडली देखना आम बात है। लेकिन एक बहुत आम सवाल यह है —  “क्या शादी के बाद कुंडली बदल जाती है?” यह सवाल कई लोगों के मन में आता है, विशेष रूप से महिलाओं के, जिनकी शादी के बाद कई जीवन परिस्थितियाँ बदल जाती हैं। शादी के बाद कुंडली क्यों नहीं बदलती? कुंडली व्यक्ति के जन्म समय, जन्म स्थान और जन्म तिथि के आधार पर बनती है। ये तीनों जीवन भर स्थिर रहते हैं और इसलिए कुंडली भी स्थायी रहती है। शादी एक सामाजिक और भावनात्मक बंधन है, लेकिन इससे आपकी मूल कुंडली या लग्न कुंडली नहीं बदलती। लेकिन फिर भी यह भ्रम क्यों होता है कि शादी के बाद कुंडली बदलती है? कुंडली नहीं, ग्रहों का प्रभाव बदलता है जब कोई व्यक्ति विवाह करता है, तो उसकी जिंदगी में एक नया व्यक्ति आता है, जिससे उसका ग्रहों का मिलन होता है। इसका सीधा असर दोनों की वैवाहिक जीवन , स्वभाव , और जीवन की दिशा पर पड़ता है। विशेष रूप से निम्नलिखित कारणों से यह प्रभाव देखा जाता है: ग्रहों की दशा और ...

kundli dwara bhavishya

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  वेदिक ज्योतिष के अनुसार, हर व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन का खाका होती है। यह केवल ग्रहों की स्थिति नहीं बताती, बल्कि यह आपके भविष्य , सफलता , विवाह , स्वास्थ्य , और जीवन की चुनौतियों से जुड़ी पूरी कहानी बयां करती है। यदि सही तरीके से समझा जाए, तो कुंडली से भविष्य की भविष्यवाणी करना पूरी तरह संभव है। इस लेख में हम समझेंगे कि कुंडली के माध्यम से जीवन की परेशानियों और भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी कैसे की जाती है , और कैसे आप इसमें Dr. Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषी की मदद ले सकते हैं। कुंडली क्या है? कुंडली को अंग्रेजी में Birth Chart या Horoscope कहा जाता है। यह व्यक्ति के जन्म समय, तिथि और स्थान के आधार पर बनती है। इसमें 12 भाव और 9 ग्रह होते हैं, जो जीवन के अलग–अलग क्षेत्रों को दर्शाते हैं, जैसे: · पहला भाव  — आत्मा, शरीर, स्वभाव · दूसरा भाव  — धन, वाणी, परिवार · सातवां भाव  — विवाह और संबंध · दसवां भाव  — करियर और प्रतिष्ठा ग्रहों की स्थिति और उनका गोचर या दशा परिवर्तन इन क्षेत्रों में आने वाली घटनाओं और परेशानियों को दर्शाता है। कुंडली...