वेदिक ज्योतिष में खराब शादीशुदा जीवन को कैसे देखें?

शादीशुदा जीवन हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। लेकिन कई बार, चाहे दोनों पार्टनर कितने भी समझदार क्यों न हों, वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि इसका कारण सिर्फ व्यवहार या परिस्थिति नहीं, बल्कि आपकी कुंडली में छिपे ग्रह योग भी हो सकते हैं? वेदिक ज्योतिष के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सफल होगा या असफल । कुंडली में शादीशुदा जीवन का विश्लेषण कैसे करें? विवाह और शादीशुदा जीवन का विश्लेषण मुख्य रूप से सप्तम भाव (7th House) से किया जाता है। यह भाव जीवनसाथी, विवाह संबंध, साझेदारी और जीवन में सामंजस्य को दर्शाता है। इसके अलावा, शुक्र (Venus) और गुरु (Jupiter) ग्रह भी विवाह और रिश्तों में अहम भूमिका निभाते हैं। 1. सप्तम भाव की स्थिति सप्तम भाव में पाप ग्रहों (शनि, राहु, केतु, मंगल) की स्थिति, या इनका दृष्टि संबंध, वैवाहिक जीवन में तनाव , झगड़े या दूरियों का संकेत देता है। 2. मंगल दोष या मांगलिक दोष मंगल दोष (Manglik Dosha) एक प्रमुख कारण होता है शादी में देरी या शादीश...