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kundli dwara bhavishya

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  वेदिक ज्योतिष के अनुसार, हर व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन का खाका होती है। यह केवल ग्रहों की स्थिति नहीं बताती, बल्कि यह आपके भविष्य , सफलता , विवाह , स्वास्थ्य , और जीवन की चुनौतियों से जुड़ी पूरी कहानी बयां करती है। यदि सही तरीके से समझा जाए, तो कुंडली से भविष्य की भविष्यवाणी करना पूरी तरह संभव है। इस लेख में हम समझेंगे कि कुंडली के माध्यम से जीवन की परेशानियों और भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी कैसे की जाती है , और कैसे आप इसमें Dr. Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषी की मदद ले सकते हैं। कुंडली क्या है? कुंडली को अंग्रेजी में Birth Chart या Horoscope कहा जाता है। यह व्यक्ति के जन्म समय, तिथि और स्थान के आधार पर बनती है। इसमें 12 भाव और 9 ग्रह होते हैं, जो जीवन के अलग–अलग क्षेत्रों को दर्शाते हैं, जैसे: · पहला भाव  — आत्मा, शरीर, स्वभाव · दूसरा भाव  — धन, वाणी, परिवार · सातवां भाव  — विवाह और संबंध · दसवां भाव  — करियर और प्रतिष्ठा ग्रहों की स्थिति और उनका गोचर या दशा परिवर्तन इन क्षेत्रों में आने वाली घटनाओं और परेशानियों को दर्शाता है। कुंडली...

क्या मेरी कुंडली में जीवन की कोई बड़ी घटना की भविष्यवाणी की गई है?

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  हर किसी के जीवन में कुछ ऐसे मोड़ आते हैं, जो उसके भाग्य को पूरी तरह से बदल देते हैं। कभी यह कोई बड़ी सफलता होती है, तो कभी कोई अप्रत्याशित परेशानी। ऐसे मोड़ पहले से ही आपकी जन्म कुंडली में संकेतित होते हैं। तो सवाल उठता है — क्या मेरी कुंडली में जीवन की कोई बड़ी घटना की भविष्यवाणी की गई है? इस सवाल का उत्तर छिपा है आपकी जन्म कुंडली यानी नैटिव चार्ट में। Dr. Vinay Bajrangi , एक प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य, का मानना है कि अगर कुंडली का सही विश्लेषण किया जाए, तो व्यक्ति अपने जीवन की बड़ी घटनाओं को पहले से जान सकता है। जीवन की बड़ी घटनाएं कौन–सी हो सकती हैं? जब हम जीवन की बड़ी घटनाओं की बात करते हैं, तो इनमें शामिल हो सकते हैं: · सरकारी नौकरी या प्रमोशन · विदेश यात्रा या सेटलमेंट · शादी या तलाक · धन लाभ या आर्थिक हानि · बीमारी या एक्सीडेंट · संतान सुख या कष्ट · आध्यात्मिक परिवर्तन या साधना इन घटनाओं की भविष्यवाणी आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा और गोचर के माध्यम से की जाती है। कुंडली में बड़ी घटनाओं के योग कैसे पहचाने? Dr. Vinay Bajrangi बताते हैं कि दशा–बु...

आपके भाग्य को समझने में कितनी कारगर होती है कुंडली?

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  हर व्यक्ति के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब वह अपने भाग्य को जानने की इच्छा रखता है। क्या हमारी मेहनत ही सब कुछ तय करती है, या फिर कोई अदृश्य शक्ति हमारे जीवन की दिशा तय करती है? यही सवाल लोगों को ज्योतिष और कुंडली की ओर आकर्षित करता है। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या वाकई में कुंडली से भाग्य को समझा जा सकता है? आइए इस विषय पर चर्चा करें। कुंडली क्या है? कुंडली, जिसे अंग्रेज़ी में Horoscope या Birth Chart कहा जाता है, एक ज्योतिषीय चार्ट होता है जो व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है। यह चार्ट इस आधार पर बनाया जाता है कि जन्म के समय, जन्म स्थान और जन्म समय पर आकाश में ग्रहों की स्थिति क्या थी। इन ग्रहों की स्थितियाँ व्यक्ति के जीवन में विभिन्न क्षेत्रों — जैसे कि करियर, विवाह, स्वास्थ्य, धन आदि — पर प्रभाव डालती हैं। भाग्य और कुंडली का संबंध भाग्य यानी Fate, वह रहस्यमयी शक्ति है जिसे हम समझने का प्रयास करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, आपका भाग्य पूरी तरह आपके कर्मों और ग्रहों पर आधारित होता है। कुंडली विश्लेषण द्वारा यह जाना जा सकता है कि किस ग्रह की स्थिति आपके जीवन म...

पत्नी की कुंडली का पति की कुंडली पर क्या प्रभाव पड़ता है?

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  वैदिक ज्योतिष में पति–पत्नी के संबंधों की गुणवत्ता को समझने के लिए दोनों की कुंडलियों का विश्लेषण महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से, पत्नी की कुंडली में स्थित ग्रहों और योगों का पति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव पति के करियर, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और मानसिक संतुलन तक विस्तृत हो सकता है। इस लेख में डॉ. विनय बजरंगी आपको बताते हैं कि पत्नी की कुंडली के कौन–कौन से तत्व पति के जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं और इन प्रभावों को संतुलित करने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं। पत्नी की कुंडली में महत्वपूर्ण ग्रह और उनके प्रभाव 1. सप्तम भाव (सातवां घर): यह घर विवाह और जीवनसाथी से संबंधित होता है। यदि पत्नी की कुंडली में सप्तम भाव में शुभ ग्रह स्थित हों या इस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो यह पति के जीवन में सकारात्मकता और सफलता लाने में सहायक होता है। इसके विपरीत, यदि सप्तम भाव में अशुभ ग्रह या पाप ग्रहों की दृष्टि हो, तो यह वैवाहिक जीवन में तनाव और संघर्ष का संकेत दे सकता है। 2. बृहस्पति (गुरु): पत्नी की कुंडली में बृहस्पति को पति का कारक ग्रह माना जाता है।...