कैसे कुंडली दोषों या खामियों की पहचान कर सकती है?

भारतीय वैदिक ज्योतिष में कुंडली एक ऐसा माध्यम है जिससे व्यक्ति के जीवन के हर पहलू की गहराई से जानकारी मिलती है। यह जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर तैयार की जाती है और व्यक्ति की मानसिकता, स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, करियर, संतान, आर्थिक स्थिति, व आध्यात्मिक झुकाव तक को दर्शाती है। लेकिन कुंडली केवल सकारात्मक पहलुओं को नहीं दिखाती। यह हमारे जीवन में आने वाली समस्याओं, रुकावटों और दोषों की पहचान भी करती है। इन दोषों की सही पहचान करके व्यक्ति समय रहते उपाय कर सकता है और अपने जीवन को बेहतर दिशा में मोड़ सकता है। कुंडली में दोष क्या होते हैं? कुंडली दोष उन ग्रह स्थितियों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। ये दोष कई प्रकार के होते हैं और हर दोष का जीवन के किसी न किसी क्षेत्र पर विशेष प्रभाव होता है। कुछ प्रमुख कुंडली दोषों में शामिल हैं: · मंगल दोष क्या है : जब मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित हो, तो यह विवाह में देरी या तलाक जैसी समस्याएं ला सकता है। · कालसर्प दोष की सच्चाई : जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते ...