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विवाह के लिए कुंडली मिलान: शादी से पहले क्या वास्तव में महत्वपूर्ण है

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  विवाह एक दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है, जो केवल भावनात्मक आकर्षण या सामाजिक तैयारी तक सीमित नहीं होती। भारतीय ज्योतिष में कुंडली मिलान आज भी यह परखने का एक विश्वसनीय माध्यम माना जाता है कि दो व्यक्ति मिलकर स्थिर और संतुलित वैवाहिक जीवन जी पाएंगे या नहीं। जब इसे जिम्मेदारी के साथ किया जाता है, तो यह भाग्य तय नहीं करता, बल्कि विवाह के बाद आने वाली वास्तविकताओं के लिए दंपती को तैयार करता है। यह लेख कुंडली मिलान में वास्तव में महत्वपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट करता है और प्रचलित भ्रांतियों से सार्थक ज्योतिषीय तत्वों को अलग करता है। विवाह से पहले कुंडली मिलान आज भी क्यों प्रासंगिक है आधुनिक विवाह उन दबावों का सामना करते हैं, जिनका अनुभव पहले की पीढ़ियों ने कम किया था — करियर का तनाव, आर्थिक जिम्मेदारियाँ, बदलती पारिवारिक संरचनाएँ और भावनात्मक अपेक्षाएँ। ज्योतिष जन्म कुंडली के माध्यम से यह समझने में मदद करता है कि व्यक्ति इन दबावों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है। विवाह मिलान से निम्न बातों की पहचान होती है: भावनात्मक अनुकूलता और संवाद शैली साझा परिवार में सामंजस्य बैठाने की क्षमता विवाद उत्पन्न ...

शादी के लिए संपूर्ण कुंडली मैच कैसे प्राप्त करें?

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  भारतीय परंपरा में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो आत्माओं और दो परिवारों का पवित्र बंधन माना जाता है। इसलिए शादी के लिए कुंडली मिलान यानी Kundli Matching for Marriage का विशेष महत्व होता है। सही कुंडली मिलान से न केवल जीवनसाथी का चयन सटीक होता है, बल्कि वैवाहिक जीवन में सुख, स्थिरता और समृद्धि भी सुनिश्चित होती है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, शादी से पहले कुंडली का सही और संपूर्ण मिलान करवाना अत्यंत आवश्यक है। यह प्रक्रिया केवल गुण मिलान तक सीमित नहीं होती, बल्कि कई गहरे ज्योतिषीय योगों और दोषों के विश्लेषण पर आधारित होती है। कुंडली मिलान का वास्तविक महत्व बहुत से लोग समझते हैं कि कुंडली मिलान केवल गुण मिलान (Gun Milan) या अष्टकूट मिलान (Ashtakoot Matching) तक ही सीमित है। लेकिन वास्तव में यह इससे कहीं अधिक गहन प्रक्रिया है। Dr. Vinay Bajrangi बताते हैं कि शादी के लिए संपूर्ण कुंडली मैच (Complete Horoscope Matching) में निम्नलिखित पहलुओं का अध्ययन किया जाता है: 1. गुण मिलान (Gun Matching): इसमें 36 गुणों में से कम से कम ...

विवाह के लिए कुंडली मिलान में 36 गुण क्या होते हैं? जानिए गुण मिलान का महत्व

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  भारतीय संस्कृति में विवाह को सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो आत्माओं और दो परिवारों का मिलन माना जाता है। इस पवित्र बंधन को सफल और सुखद बनाने के लिए कुंडली मिलान का विशेष महत्व होता है। विशेष रूप से 36 गुणों का मिलान (जिसे अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है) वैवाहिक सामंजस्य के लिए अनिवार्य माना जाता है। कुंडली मिलान का महत्व कुंडली मिलान या गुण मिलान , दो लोगों की जन्म कुंडली के आधार पर यह तय करने की प्रक्रिया है कि वे एक–दूसरे के साथ जीवनभर संगत रह पाएंगे या नहीं। यह प्रक्रिया गुण मिलान के 36 अंकों के जरिए की जाती है। इसमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्तर पर दांपत्य जीवन की संगति को परखा जाता है। Dr. Vinay Bajrangi , जो कि एक जाने–माने वैदिक ज्योतिषाचार्य हैं, का मानना है कि गुण मिलान केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो जीवनभर के रिश्ते की नींव को मजबूत करती है। अष्टकूट मिलान — 36 गुण क्या हैं? अष्टकूट मिलान में कुल आठ पहलुओं (कूटों) का अध्ययन किया जाता है। इन आठ कूटों के कुल 36 अंक होते हैं। आइए जानते हैं ...

कुंडली मिलान क्यों ज़रूरी है न मिलने पर आपकी शादीशुदा जिंदगी में क्या-क्या प्रभाव हो सकता है|

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  भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों का पवित्र बंधन माना जाता है। ऐसे में कुंडली मिलान ( Horoscope Matching ) को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो दो व्यक्तियों के बीच सामंजस्य , स्वास्थ्य , धन , और संतान सुख को सुनिश्चित करती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि —  कुंडली मिलान क्यों जरूरी है? और अगर कुंडली न मिले, तो शादी के बाद क्या नतीजे हो सकते हैं? कुंडली मिलान क्या है? कुंडली मिलान या गुण मिलान , वैदिक ज्योतिष की एक प्रक्रिया है जिसमें वर और वधू की जन्म कुंडलियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। इसके ज़रिए यह समझा जाता है कि दोनों के बीच जीवनभर का सामंजस्य रहेगा या नहीं। मुख्य 8 पक्ष होते हैं जिनके आधार पर मिलान होता है: 1. वर्ण 2. वश्य 3. तारा 4. योनि 5. ग्रह मैत्री 6. गण 7. भकूट 8. नाड़ी इनसे कुल 36 गुण मिलाए जाते हैं। यदि 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं, तो कुंडली को सामान्यतः अनुकूल माना जाता है। कुंडली न मिलने के संभावित दुष्परिणाम अगर बिना कुंडली...