विवाह के लिए कुंडली मिलान में 36 गुण क्या होते हैं? जानिए गुण मिलान का महत्व

भारतीय संस्कृति में विवाह को सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो आत्माओं और दो परिवारों का मिलन माना जाता है। इस पवित्र बंधन को सफल और सुखद बनाने के लिए कुंडली मिलान का विशेष महत्व होता है। विशेष रूप से 36 गुणों का मिलान (जिसे अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है) वैवाहिक सामंजस्य के लिए अनिवार्य माना जाता है। कुंडली मिलान का महत्व कुंडली मिलान या गुण मिलान , दो लोगों की जन्म कुंडली के आधार पर यह तय करने की प्रक्रिया है कि वे एक–दूसरे के साथ जीवनभर संगत रह पाएंगे या नहीं। यह प्रक्रिया गुण मिलान के 36 अंकों के जरिए की जाती है। इसमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्तर पर दांपत्य जीवन की संगति को परखा जाता है। Dr. Vinay Bajrangi , जो कि एक जाने–माने वैदिक ज्योतिषाचार्य हैं, का मानना है कि गुण मिलान केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो जीवनभर के रिश्ते की नींव को मजबूत करती है। अष्टकूट मिलान — 36 गुण क्या हैं? अष्टकूट मिलान में कुल आठ पहलुओं (कूटों) का अध्ययन किया जाता है। इन आठ कूटों के कुल 36 अंक होते हैं। आइए जानते हैं ...