कुंडली मिलान क्यों ज़रूरी है न मिलने पर आपकी शादीशुदा जिंदगी में क्या-क्या प्रभाव हो सकता है|

भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों का पवित्र बंधन माना जाता है। ऐसे में कुंडली मिलान ( Horoscope Matching ) को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो दो व्यक्तियों के बीच सामंजस्य , स्वास्थ्य , धन , और संतान सुख को सुनिश्चित करती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि — कुंडली मिलान क्यों जरूरी है? और अगर कुंडली न मिले, तो शादी के बाद क्या नतीजे हो सकते हैं? कुंडली मिलान क्या है? कुंडली मिलान या गुण मिलान , वैदिक ज्योतिष की एक प्रक्रिया है जिसमें वर और वधू की जन्म कुंडलियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। इसके ज़रिए यह समझा जाता है कि दोनों के बीच जीवनभर का सामंजस्य रहेगा या नहीं। मुख्य 8 पक्ष होते हैं जिनके आधार पर मिलान होता है: 1. वर्ण 2. वश्य 3. तारा 4. योनि 5. ग्रह मैत्री 6. गण 7. भकूट 8. नाड़ी इनसे कुल 36 गुण मिलाए जाते हैं। यदि 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं, तो कुंडली को सामान्यतः अनुकूल माना जाता है। कुंडली न मिलने के संभावित दुष्परिणाम अगर बिना कुंडली...