क्या शादी सच में कुंडली और कुंडली मिलान पर निर्भर करती है?

भारत में विवाह केवल दो लोगों का मिलन नहीं है, बल्कि दो परिवारों का सामाजिक और आध्यात्मिक बंधन है। इस बंधन को मजबूत और दीर्घकालिक बनाने के लिए सदियों से कुंडली मिलान की परंपरा चली आ रही है। लेकिन सवाल यह उठता है — क्या शादी सच में कुंडली और कुंडली मिलान पर निर्भर करती है? आधुनिक युग में कई लोग इस परंपरा को केवल एक औपचारिकता मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कुंडली मिलान से विवाह की सफलता को जोड़कर देखते हैं। तो आइए ज्योतिष की दृष्टि से इस विषय पर गहराई से विचार करें। कुंडली मिलान का महत्व कुंडली मिलान क्या है? जब दो लोगों के जन्म के समय, तारीख और स्थान के आधार पर उनकी जन्म कुंडलियां बनाई जाती हैं, तो उन्हें आपस में मिलाकर देखा जाता है कि उनके बीच कितना ग्रह–सामंजस्य है। यह प्रक्रिया गुण मिलान ( Ashtakoota Milan ) पर आधारित होती है जिसमें कुल 36 गुण होते हैं। अगर इन गुणों में से कम से कम 18 गुण मेल खाते हैं तो विवाह के लिए कुंडली को उपयुक्त माना जाता है। यदि यह 25 से ऊपर हो तो बहुत ही अच्छा संयोग माना जाता है। मुख्य गुण जो मिलाए जाते ह...