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जानने आप अपनी भविष्य की पत्नी को कब पाएंगे?

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  हर व्यक्ति के जीवन में विवाह एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है। लेकिन कई बार ये सवाल मन में बार–बार उठता है: “ मैं अपनी भविष्य की पत्नी से कब मिलूंगा ?” या “मुझे कैसे पता चलेगा कि वही मेरी जीवनसंगिनी है?” जवाब छुपा है आपकी जन्म कुंडली में। वैदिक ज्योतिष में ऐसे कई संकेत होते हैं जो यह दर्शाते हैं कि आपको अपनी भविष्य की पत्नी से मिलने का समय कब आएगा और वो व्यक्ति कौन हो सकता है। इस विषय में Dr. Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली का विश्लेषण करके सटीक जानकारी दे सकते हैं। भविष्य की पत्नी से मिलने का समय जानना — ज्योतिषीय दृष्टिकोण आपके विवाह से जुड़े योग आपकी कुंडली में छिपे होते हैं। भविष्य की पत्नी से मिलने का समय मुख्य रूप से 7वां भाव , विवाह योग , और कुछ विशेष ग्रहों की दशा पर निर्भर करता है। 7वां भाव (House of Marriage) · यह भाव यह बताता है कि विवाह कब होगा। · इसमें स्थित ग्रह यह दर्शाते हैं कि आपकी जीवनसाथी कैसी होंगी  — स्वभाव, व्यक्तित्व, पारिवारिक पृष्ठभूमि आदि। 5वां भाव और शुक्र की स्थिति · यदि कुंडली में 5वां भाव और शुक्...

क्या आगे देवउठनी एकादशी आपके विवाह योग को बनाएं?

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  देव उठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन को भगवान विष्णु के चार महीने के शयनकाल के समाप्त होने का संकेत माना जाता है। इसके बाद सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है, खासकर विवाह से जुड़े कार्यों की। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या देव उठनी एकादशी आपके विवाह योग को सशक्त बना सकती है? जो लोग विवाह में देरी का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह दिन आपके विवाह योग को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है। देव उठनी एकादशी का महत्व देव उठनी एकादशी का महत्व पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक है। इस दिन को भगवान विष्णु के जागरण का पर्व माना जाता है, जिसके बाद धार्मिक अनुष्ठान, विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो विवाह में देरी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से कुंडली में विवाह से संबंधित दोषों को कम किया जा सकता है और विवाह योग को बल मिलता है। कुंडली म...