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क्या कोई तरीका है जिससे मैं अपने भविष्य के जीवन साथी के बारे में जान सकूं?

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  हर व्यक्ति के मन में यह जिज्ञासा जरूर होती है कि भविष्य का जीवनसाथी कैसा होगा। क्या वह समझदार होगा? क्या वह जीवन में स्थिरता लाएगा? क्या वह सच्चा प्रेम देगा? इस तरह के सवाल हर युवा के मन में उठते हैं। लेकिन क्या ज्योतिष शास्त्र की मदद से हम अपने फ्यूचर लाइफ पार्टनर के बारे में जान सकते हैं? उत्तर है —  हाँ , निश्चित रूप से। भविष्य के जीवनसाथी के बारे में जानने का ज्योतिषीय तरीका वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली ( Janam Kundli ) के माध्यम से भविष्य के जीवनसाथी की प्रकृति, व्यवहार, रंग, रूप, पेशा, पारिवारिक पृष्ठभूमि आदि के बारे में गहराई से जाना जा सकता है। कुंडली का विश्लेषण कर विशेषज्ञ यह भी बता सकते हैं कि शादी कब होगी, लव मैरिज होगी या अरेंज, और दांपत्य जीवन कैसा रहेगा। 1. सप्तम भाव (7th House) का महत्व जन्म कुंडली में सप्तम भाव विवाह, जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन का मुख्य कारक होता है। यदि सप्तम भाव में शुभ ग्रह हों और उस पर शुभ दृष्टि हो, तो जीवनसाथी सुंदर, संस्कारी और सहयोगी होता है। वहीं अगर इस भाव में पाप ग्रह या अशुभ दृष्टि हो, तो वैवाहिक जीवन में उतार–चढ़ाव आ सकत...

कैसे ज्योतिष आपकी सही जीवनसाथी की खोज में मदद कर सकता है?

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  हर व्यक्ति के जीवन में विवाह एक अहम मोड़ होता है। एक अच्छा जीवनसाथी न केवल जीवन को सुखद बनाता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी देता है। लेकिन आज के दौर में वैवाहिक समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में वैवाहिक समस्याओं का समाधान ढूँढने के लिए लोग कई मार्ग अपनाते हैं, जिनमें से एक सबसे प्रभावशाली मार्ग है ज्योतिष के माध्यम से जीवनसाथी की खोज । ज्योतिष शास्त्र न केवल विवाह का सही समय बताता है, बल्कि यह भी बताता है कि किस प्रकार का व्यक्ति आपके लिए आदर्श जीवनसाथी होगा। डॉ. विनय बजरंगी , एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य, कहते हैं कि “यदि जन्मपत्रिका का सही विश्लेषण किया जाए, तो हम विवाह से जुड़ी लगभग हर समस्या का समाधान पा सकते हैं।” कैसे ज्योतिष करता है आपकी जीवनसाथी की खोज में मदद? 1. सप्तम भाव (7वें भाव) का विश्लेषण जन्मकुंडली में सप्तम भाव विवाह और जीवनसाथी का मुख्य कारक होता है। इसमें स्थित ग्रह और इसका स्वामी यह बताते हैं कि जीवनसाथी का स्वभाव कैसा होगा। यदि सप्तम भाव पर पाप ग्रहों की दृष्टि है, तो वैवाहिक जीवन में संघर्ष हो सकते हैं। 2. नवांश कुंडली (D...

अपनी कुंडली से अपने जीवनसाथी के बारे में कैसे जानें?

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  हर व्यक्ति के मन में यह जानने की उत्सुकता होती है कि उसका जीवनसाथी कैसा होगा , उसका स्वभाव, परिवार, आर्थिक स्थिति और जीवन में उसके साथ तालमेल कैसा रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में यह संभव है कि हम कुंडली के माध्यम से अपने भविष्य के साथी की झलक पा सकते हैं। वैदिक ज्योतिष में विशेषकर सातवां भाव (7th House) , शुक्र ग्रह (Venus) और ग्रहों की दृष्टि से यह जाना जा सकता है कि विवाह कब होगा और जीवनसाथी कैसा होगा। जीवनसाथी की जानकारी के लिए कुंडली में किन चीज़ों को देखें? 1. सप्तम भाव (7th House) कुंडली का सातवां भाव आपके जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन का मुख्य संकेतक होता है। इस भाव में स्थित ग्रह, इस पर पड़ने वाली दृष्टियाँ और इसके स्वामी की स्थिति यह बताते हैं कि आपका जीवनसाथी कैसा होगा — उसका स्वभाव, व्यवहार और जीवन में आपकी साझेदारी कैसी रहेगी। 2. सप्तम भाव का स्वामी यदि सप्तम भाव का स्वामी मजबूत और शुभ ग्रहों के साथ है, तो जीवनसाथी समझदार, आकर्षक और सहयोगी होगा। लेकिन यदि यह पाप ग्रहों (जैसे शनि, राहु, केतु) के प्रभाव में हो तो वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आ सकत...