Shardiya Navratri 2025: नवरात्र में किस दिन होगी कौन सी देवी की पूजा?

 

Shardiya Navratri 2025 का हिन्दू धर्म में अत्यंत विशेष महत्व है। यह महापर्व साल में दो बार आता है — चैत्र और शारदीय नवरात्र। शारदीय नवरात्र आश्विन माह की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है और नवमी तक चलता है। इन नौ दिनों में नवरात्रि की पूजा विधि, देवी के नौ रूपों की आराधना और व्रत का पालन कर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, नवरात्र का हर दिन देवी के एक विशेष रूप को समर्पित होता है और उनका ध्यान करने से अलग–अलग फल प्राप्त होते हैं।

इस वर्ष Shardiya Navratri puja का आरंभ 22 सितंबर से होगा और इसका समापन 30 सितंबर को होगा। आइए जानते हैं कि किस दिन कौन सी देवी की पूजा की जाएगी।

Shardiya Navratri 2025: देवी पूजन क्रम

1. प्रतिपदा (22 सितंबर 2025) — मां शैलपुत्री

नवरात्र पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है। इस दिन मां शैलपुत्री पूजा से जीवन में स्थिरता और सुख की प्राप्ति होती है।

2. द्वितीया (23 सितंबर 2025) — मां ब्रह्मचारिणी

नवरात्र दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना होती है। वे तप, संयम और त्याग की प्रतीक हैं। इनकी पूजा से विद्या, ज्ञान और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

3. तृतीया (24 सितंबर 2025) — मां चंद्रघंटा

नवरात्र तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इनकी कृपा से शांति, सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। देवी चंद्रघंटा का स्वरूप शांति और साहस का अद्भुत संगम है।

4. चतुर्थी (25 सितंबर 2025) — मां कुष्मांडा

नवरात्र चतुर्थी दिन मां कुष्मांडा को सृष्टि की जननी कहा जाता है। माना जाता है कि इन्होंने अपनी हंसी से ब्रह्मांड की रचना की थी। इस दिन की पूजा से स्वास्थ्य लाभ और ऊर्जा की वृद्धि होती है।

5. पंचमी (26 सितंबर 2025) — मां स्कंदमाता

नवरात्र पांचवें दिन मां स्कंदमाता की आराधना होती है। इनकी कृपा से परिवार में सुख–शांति आती है और संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

6. षष्ठी (27 सितंबर 2025) — मां कात्यायनी

नवरात्र षष्ठी दिन मां कात्यायनी का स्वरूप शक्ति और साहस का प्रतीक है। इनकी पूजा से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इसलिए इस दिन को खासकर विवाह योग और विवाह समस्याओं का समाधान से जोड़ा जाता है।

7. सप्तमी (28 सितंबर 2025) — मां कालरात्रि

नवरात्र सप्तमी दिन मां कालरात्रि का स्वरूप उग्र है लेकिन वे अपने भक्तों को हमेशा शुभ फल देती हैं। इनकी आराधना से शत्रु बाधा, बुरी शक्तियां और भय समाप्त होते हैं।

8. अष्टमी (29 सितंबर 2025) — मां महागौरी

नवरात्र अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इनकी कृपा से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कन्या पूजन का विशेष महत्व इस दिन होता है।

9. नवमी (30 सितंबर 2025) — मां सिद्धिदात्री

नवरात्र नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना होती है। वे सभी सिद्धियों को देने वाली हैं। इस दिन पूजा से आध्यात्मिक शक्ति, भक्ति और पूर्णता प्राप्त होती है।

Shardiya Navratri 2025: ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष में नवरात्रि को ग्रह शांति और दोष निवारण के लिए श्रेष्ठ समय माना गया है। Dr. Vinay Bajrangi बताते हैं कि इस समय किए गए पूजन से न केवल नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव कम होते हैं बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

विशेषकर विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन की समस्याएं, संतान सुख में बाधा या करियर में रुकावट जैसी समस्याओं के समाधान के लिए नवरात्रि काल में देवी पूजन का महत्व और भी बढ़ जाता है।

FAQs on Shardiya Navratri 2025

Q1: Shardiya Navratri 2025 कब है?
Ans: यह 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 30 सितंबर 2025 तक मनाया जाएगा।

Q2: नवरात्र के पहले दिन किस देवी की पूजा होती है?
Ans: पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

Q3: विवाह में देरी की समस्या के लिए कौन–सी देवी की पूजा करनी चाहिए?
Ans: मां कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने वाली मानी जाती है।

Q4: नवरात्रि में कन्या पूजन कब किया जाता है?
Ans: आमतौर पर कन्या पूजन अष्टमी या नवमी के दिन किया जाता है।

Q5: Shardiya Navratri 2025 का ज्योतिषीय महत्व क्या है?
Ans: यह समय ग्रह शांति, नकारात्मक ऊर्जा के निवारण और जीवन की समस्याओं से मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

Dr. Vinay Bajrangi: किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

Read more also: Kundli

Source: https://kundlihindi.com/blog/shardiya-navratri-2025/

Comments

Popular posts from this blog

Best Marriage Dates in 2025 - Auspicious Hindu Wedding

Can We Match Kundali Without Time?

शनि के रहस्य और मीन राशि में शनि के गोचर का प्रभाव