जन्म कुंडली में आयु योग : लम्बी आयु योग के उपाय

भारतीय वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली के माध्यम से व्यक्ति के जीवन के अनेक पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है — आयु योग । हर कोई जानना चाहता है कि उसकी आयु कितनी होगी , क्या उसकी लम्बी उम्र होगी या नहीं, और अगर कोई आयु संबंधित दोष है तो उसके उपाय क्या हैं। डॉ. विनय बजरंगी जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कुंडली में लम्बी आयु योग की गणना विशेष नियमों और ग्रहों की स्थिति के आधार पर की जाती है। चलिए विस्तार से जानते हैं कि कुंडली में आयु योग कैसे बनते हैं और लम्बी आयु पाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। कुंडली में आयु का निर्धारण कैसे होता है? कुंडली में आयु का अनुमान मुख्यतः निम्नलिखित बातों को देखकर लगाया जाता है: · लग्न भाव और उसका स्वामी · आठवां भाव (आयु भाव) और उसका स्वामी · शनि ग्रह की स्थिति और दृष्टि · मंगल , राहु , और केतु की भूमिका · दशा और अंतरदशा का प्रभाव यदि लग्न और अष्टम भाव मजबूत हैं और शुभ ग्रहों की दृष्टि इन पर है, तो व्यक्ति को दीर्घायु योग प्राप्त होता है। लम्बी आयु के प्रमुख योग 1. शुभ ग्रहों जैसे...