Vedic Astrology: विवाह के लिए वैदिक ज्योतिष पर भरोसा क्यों करते हैं?

भारत में विवाह सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। ऐसे में हर माता–पिता और जीवनसाथी चाहने वाला यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विवाह का रिश्ता सफल और सुखद रहे। यही कारण है कि लोग विवाह के लिए वैदिक ज्योतिष पर भरोसा करते हैं। वैदिक ज्योतिष न केवल दांपत्य जीवन की संभावनाओं को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि किन उपायों से विवाह जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है। विवाह में वैदिक ज्योतिष का महत्व वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की जन्मपत्री (कुंडली) उसकी पूरी जीवन यात्रा का खाका प्रस्तुत करती है। विवाह के मामले में जन्मपत्री से यह देखा जाता है कि जातक का जीवनसाथी कैसा होगा , विवाह कब होगा और शादी के बाद संबंध कैसे रहेंगे। 1. कुंडली मिलान कुंडली मिलान विवाह से पहले का सबसे महत्वपूर्ण कदम है। इसमें दोनों पक्षों की जन्म कुंडलियों का मिलान कर गुण मिलान किया जाता है। अगर गुण मिलान सही निकलता है तो वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, सुख और संतोष बढ़ता है। 2. मंगल दोष और अन्य दोष मंगलिक दोष या अन्य ग्रह दोष विवाह में देरी, ...