Vedic Astrology: विवाह के लिए वैदिक ज्योतिष पर भरोसा क्यों करते हैं?

 

भारत में विवाह सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। ऐसे में हर माता–पिता और जीवनसाथी चाहने वाला यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विवाह का रिश्ता सफल और सुखद रहे। यही कारण है कि लोग विवाह के लिए वैदिक ज्योतिष पर भरोसा करते हैं। वैदिक ज्योतिष न केवल दांपत्य जीवन की संभावनाओं को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि किन उपायों से विवाह जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है।

विवाह में वैदिक ज्योतिष का महत्व

वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की जन्मपत्री (कुंडली) उसकी पूरी जीवन यात्रा का खाका प्रस्तुत करती है। विवाह के मामले में जन्मपत्री से यह देखा जाता है कि जातक का जीवनसाथी कैसा होगा, विवाह कब होगा और शादी के बाद संबंध कैसे रहेंगे।

1. कुंडली मिलान

कुंडली मिलान विवाह से पहले का सबसे महत्वपूर्ण कदम है। इसमें दोनों पक्षों की जन्म कुंडलियों का मिलान कर गुण मिलान किया जाता है। अगर गुण मिलान सही निकलता है तो वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, सुख और संतोष बढ़ता है।

2. मंगल दोष और अन्य दोष

मंगलिक दोष या अन्य ग्रह दोष विवाह में देरी, तनाव और अलगाव का कारण बन सकते हैं। वैदिक ज्योतिष इन दोषों की पहचान कर उनके समाधान सुझाता है।

3. विवाह का समय

कुंडली देखकर यह जाना जा सकता है कि जातक का विवाह कब होगा — जल्दी, देर से या किसी विशेष उम्र के बाद। सही समय पर विवाह करने से जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है।

4. जीवनसाथी का स्वभाव और संगति

जन्मपत्री के ग्रह–नक्षत्रों से यह भी जाना जा सकता है कि जीवनसाथी का स्वभाव कैसा होगा और वैवाहिक जीवन में आपसी सामंजस्य कैसा रहेगा।

क्यों करें वैदिक ज्योतिष पर भरोसा?

आज के समय में लोग चाहे कितने भी आधुनिक क्यों न हों, जब बात जीवनसाथी चुनने की आती है तो वे वैदिक ज्योतिष की शरण लेते हैं। इसके पीछे कुछ विशेष कारण हैं:

· विश्वसनीयता: हजारों वर्षों से विवाह ज्योतिष का उपयोग किया जा रहा है और इसके परिणाम प्रमाणित माने जाते हैं।

· समाधान: यदि कुंडली में दोष निकलते हैं तो वैदिक उपाय सुझाए जाते हैं, जिनसे विवाह जीवन में शांति आती है।

· दूरदृष्टि: यह न केवल विवाह कब होगा बताता है, बल्कि विवाह के बाद आने वाली संभावित समस्याओं की झलक भी देता है।

· आध्यात्मिक आधार: विवाह केवल शारीरिक या मानसिक संबंध नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक बंधन है, जिसे समझने और मजबूत बनाने में वैदिक ज्योतिष मदद करता है।

Dr. Vinay Bajrangi की सलाह

प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषी Dr. Vinay Bajrangi का मानना है कि विवाह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है और इसमें किसी प्रकार की जल्दबाजी या लापरवाही नहीं करनी चाहिए। वे कहते हैं कि अगर विवाह से पहले कुंडली को सही ढंग से परखा जाए तो भविष्य में होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। उनके अनुसार, सही कुंडली मिलान, दोष निवारण और विवाह का सही समय चुनना, एक सफल वैवाहिक जीवन की कुंजी है।

FAQs

प्रश्न 1: विवाह के लिए कुंडली मिलान क्यों जरूरी है?
उत्तर: कुंडली मिलान से दोनों व्यक्तियों के स्वभाव, स्वास्थ्य और भविष्य के सामंजस्य का पता चलता है। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय बनाने में मदद मिलती है।

प्रश्न 2: अगर मंगल दोष हो तो क्या विवाह नहीं हो सकता?
उत्तर: ऐसा बिल्कुल नहीं है। वैदिक ज्योतिष में इसके समाधान बताए गए हैं। सही उपाय और योग्य साथी चुनने से विवाह सफल हो सकता है।

प्रश्न 3: क्या कुंडली देखकर विवाह का समय पता चल सकता है?
उत्तर: हाँ, जन्मपत्री से विवाह का समय — जल्दी, देर से या विशेष दशा–अंतरदशा में — स्पष्ट रूप से बताया जा सकता है।

प्रश्न 4: Dr. Vinay Bajrangi से विवाह संबंधी ज्योतिष परामर्श कैसे मिलेगा?
उत्तर: आप उनकी आधिकारिक वेबसाइट या कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। वे व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर विवाह संबंधी सटीक भविष्यवाणियाँ और समाधान देते हैं।

इस प्रकार विवाह के लिए वैदिक ज्योतिष न केवल पारंपरिक दृष्टिकोण से बल्कि व्यावहारिक जीवन के लिए भी बेहद उपयोगी है। सही मार्गदर्शन से यह जीवनसाथी के चयन को आसान बनाता है और सुखी दांपत्य जीवन की नींव रखता है।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

Read also: Aaj ka rashifal

Source: https://kundlihindi.com/blog/trust-vedic-astrology-for-marriage/

Comments

Popular posts from this blog

Best Marriage Dates in 2025 - Auspicious Hindu Wedding

Can We Match Kundali Without Time?

शनि के रहस्य और मीन राशि में शनि के गोचर का प्रभाव