कुंडली के अनुसार अपने विवाह के समय की पहचान कैसे करें?

हर व्यक्ति के जीवन में विवाह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मोड़ होता है। लेकिन कई बार यह जानना मुश्किल हो जाता है कि शादी कब होगी , कौन–सा समय उपयुक्त रहेगा और क्या उसमें कोई विवाह में देरी का योग तो नहीं है। ऐसे में कुंडली के अनुसार विवाह का समय जानना बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। Dr. Vinay Bajrangi , एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य, बताते हैं कि आपकी जन्म कुंडली में ही छिपा होता है आपके विवाह का समय, कारण और दिशा। विवाह से संबंधित ग्रह और भाव विवाह के ज्योतिषीय संकेत कुंडली में मुख्य रूप से निम्न भावों और ग्रहों से मिलते हैं: · सप्तम भाव (7th House) : यह भाव सीधा–सीधा विवाह और जीवनसाथी को दर्शाता है। · द्वितीय भाव (2nd House) : यह भाव परिवार और वैवाहिक जीवन के स्थायित्व से जुड़ा है। · एकादश भाव (11th House) : यह इच्छाओं की पूर्ति और विवाह की संभावनाओं से जुड़ा होता है। यदि इन भावों में शुभ ग्रह स्थित हों, जैसे गुरु (बृहस्पति) , शुक्र या चंद्रमा , तो समय पर विवाह होने की संभावना प्रबल होती है। वहीं शनि , राहु , या केतु की अशुभ दृष्टि या उपस्थिति से विवाह...