कुंडली देखने का तरीका, जानें कैसे देखते हैं जन्म कुंडली?

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का विशेष महत्व है। यह जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाती है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन की दिशा और संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि कुंडली देखने का तरीका क्या है और इसे कैसे समझा जाता है, तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित होगा। डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, कुंडली का सही विश्लेषण जीवन की कई उलझनों को सुलझाने में मदद कर सकता है। कुंडली क्या होती है? कुंडली/ kundali एक ज्योतिषीय चार्ट होता है, जो व्यक्ति के जन्म समय और स्थान के आधार पर तैयार किया जाता है। इसे जन्म पत्रिका या होरोस्कोप भी कहा जाता है। कुंडली में 12 भाव (हाउस) और 9 ग्रह होते हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं। कुंडली देखने के लिए आवश्यक जानकारी कुंडली बनाने और देखने के लिए निम्नलिखित जानकारियां आवश्यक होती हैं: · जन्म तिथि · जन्म समय · जन्म स्थान इन जानकारियों के आधार पर कुंडली का सटीक निर्माण किया जाता है। कुंडली के 12 भाव और उनका महत्व हर कुंडली में 12 भाव होते हैं, और प्रत्येक भाव जीवन के एक विशेष क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। 1. प्रथम...