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Astrology in Marriage and Relationships

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  Marriage is one of the most important milestones in life. It brings emotional balance, companionship, and stability — but it also depends heavily on timing, compatibility, and destiny. Marriage astrology plays a vital role in understanding these factors through your birth chart. By utilising planetary alignments, divisional charts, and astrological combinations, experts like Dr Vinay Bajrangi can offer profound insights into your marriage prediction and relationship journey. Understanding Marriage Astrology In marriage prediction astrology , the 7th house of the horoscope represents partnership, while the 5th house relates to love and emotions. The positions of Venus and Jupiter, along with the Moon, hold special importance in determining how you connect emotionally and romantically. Astrology helps reveal answers to key questions such as: When will I get married? Will it be a love marriage or an arranged marriage? What kind of life partner will I have? Why is my marriage delay...

Marriage Issues: शादी में रुकावटआ रही है तो क्या उपाय करें?

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  हर इंसान के जीवन में शादी का विशेष महत्व होता है। यह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का संगम भी होता है। लेकिन कई बार जीवन में ऐसी स्थिति आती है जब अच्छे रिश्ते होने के बावजूद भी शादी में रुकावट आती रहती है। ऐसे समय पर व्यक्ति असमंजस और तनाव का शिकार हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह में रुकावट के पीछे ग्रहों की स्थिति और कुंडली में दोष जिम्मेदार होते हैं। यदि समय रहते इनका समाधान किया जाए तो विवाह संबंधी बाधाएं दूर की जा सकती हैं। आइए जानते हैं, शादी में रुकावट आने पर उपाय क्या किए जा सकते हैं। शादी में रुकावट के ज्योतिषीय कारण 1. मंगल दोष (Mangal Dosh)  — जब मंगल ग्रह अशुभ भाव में बैठा होता है तो विवाह में देरी या रुकावट आती है। 2. शनि की दृष्टि  — यदि शनि सप्तम भाव को प्रभावित कर रहा हो तो रिश्तों में अड़चनें आती हैं। 3. ग्रहण दोष  — राहु और केतु की अशुभ स्थिति भी विवाह में बाधा उत्पन्न करती है। 4. कुंडली में सप्तम भाव की कमजोरी  — सप्तम भाव विवाह का भाव होता है। यदि यह कमजोर हो तो शादी में रुकावट आती है। 5. ग्रहों का गोचर  — समय–स...

Why my marriage is delayed or late?

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  Marriage is the biggest milestone of life, and almost everybody wants to receive the ideal life partner at the ideal time. But often, despite good looks, education, and professional achievement, marriage is postponed. Delay or late marriage in astrology is not a question of fate — it may be attributed to the planetary positions in your horoscope. An experienced astrologer, like Dr Vinay Bajrangi, can carefully scrutinize your birth chart and tell you the exact reasons for which your marriage is being postponed. Astrological Cause of Delay in Marriage In astrology of marriage, 7th house in the horoscope is the house of marriage and partnership. If the house, its lord, or Venus (marriage planet) is weak or malefic, marriage will get delayed. Common causes are: Affliction to the 7th House — Obstacles can be created by the malefic planets Saturn, Mars, Rahu, or Ketu when they are in or aspecting the 7th house. Weak Venus  — Venus rules love, romance, and marriage. Delay is caus...

शादी में आने वाली रुकावट दूर करने के लिए करें ये ज्योतिषीय उपाय

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  शादी हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। लेकिन कई बार लाख कोशिशों के बावजूद शादी में रुकावट आ जाती है। कभी सही रिश्ता नहीं मिलता , तो कभी सगाई के बाद बात टूट जाती है । ऐसे में जरूरी है कि हम ज्योतिषीय उपाय अपनाकर इन बाधाओं को दूर करें। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में कुछ ग्रह दोष होते हैं जो विवाह में देरी या रुकावट का कारण बनते हैं। लेकिन इनका समाधान संभव है। आज हम जानेंगे ऐसे ही कुछ असरदार उपाय, जिन्हें अपनाकर आप अपने विवाह मार्ग को सुगम बना सकते हैं। शादी में रुकावट के ज्योतिषीय कारण 1. मांगलिक दोष (Mangal Dosh)  — अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित हो तो वह मांगलिक दोष कहलाता है। इससे शादी में देरी या रिश्तों में समस्याएं आती हैं। 2. शनि का प्रभाव  — यदि शनि ग्रह सप्तम भाव पर प्रभाव डाल रहा हो, तो वह व्यक्ति के विवाह में रुकावट पैदा करता है। 3. गुरु और शुक्र की स्थिति  — विवाह में गुरु (बृहस्पति) और शुक्र का सीधा संबंध होता है। इनका नीचस्थ या पीड़ित होना विवाह में रुकावट का कारण बनता है।...

ज्योतिषी आपकी कुंडली द्वारा विवाह की समस्याओं का समाधान कैसे कर सकते हैं

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  भारत में विवाह को सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। लेकिन आज के समय में कई लोग विवाह में देरी , कुंडली दोष , या वैवाहिक जीवन में तनाव जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में एक अनुभवी ज्योतिषी आपकी कुंडली के माध्यम से न केवल समस्या की जड़ तक पहुंच सकते हैं, बल्कि उसका सटीक समाधान भी बता सकते हैं। डॉ. विनय बजरंगी , जो कि एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य हैं, मानते हैं कि हर व्यक्ति की कुंडली में विवाह से जुड़े सभी संकेत पहले से मौजूद होते हैं। सही विश्लेषण से आप जान सकते हैं कि विवाह कब होगा , कैसा जीवनसाथी मिलेगा , और अगर कोई दोष है तो उसका उपाय क्या हो सकता है। कुंडली और विवाह में संबंध कुंडली विश्लेषण में मुख्य रूप से सप्तम भाव (7th house) देखा जाता है, जो कि विवाह , जीवनसाथी , और वैवाहिक जीवन से संबंधित होता है। इसके अलावा शुक्र , गुरु , और मंगल ग्रह भी विवाह में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जब इन ग्रहों की स्थिति अनुकूल न हो या सप्तम भाव पीड़ित हो, तो व्यक्ति को विवाह में समस्याएं आ सकती हैं। विवाह की समस्याएं जो कुंडली द्वारा पहचानी...

क्या मेरी कुंडली यह निर्धारित करती है कि मैं कब शादी करूंगा?

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क्या आपकी कुंडली बता सकती है कि आपकी शादी कब होगी? यह सवाल हर अविवाहित व्यक्ति के मन में जरूर आता है। खासकर जब उम्र बढ़ रही हो या परिवार और समाज का दबाव बढ़ता जा रहा हो। विवाह योग , शादी का समय , और मैरिज एस्ट्रोलॉजी से जुड़ी जानकारियाँ आपकी जन्म कुंडली में छिपी होती हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, आपकी कुंडली में कुछ खास ग्रहों और भावों की स्थिति आपके विवाह के समय , जीवनसाथी के स्वभाव , और शादी के बाद के जीवन को दर्शाती है। विवाह का निर्धारण कैसे होता है? आपकी जन्म कुंडली यानी कुंडली चार्ट में कई ऐसे संकेत होते हैं जो बताते हैं कि आपकी शादी कब और कैसे होगी । इन संकेतों को पढ़ने के लिए कुछ मुख्य भावों और ग्रहों का विश्लेषण किया जाता है: 1. सप्तम भाव (7th House) — विवाह का मुख्य भाव सप्तम भाव को विवाह का भाव माना जाता है। यह यह दर्शाता है कि आपका जीवनसाथी कैसा होगा, आपकी शादी कब होगी , और आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा। अगर इस भाव में शुभ ग्रह जैसे बृहस्पति या शुक्र हैं, तो विवाह सुखद होता है। 2. शुक्र (Venus) — प्रेम और विवाह का कारक...

Kundali Me Vivah Yog: विवाह में क्यों होती है देरी? जानिए कारण

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  हर व्यक्ति के जीवन में विवाह एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है। लेकिन बहुत बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों की कुंडली में विवाह योग होते हुए भी शादी में देरी होती है। यह देरी केवल सामाजिक या व्यक्तिगत कारणों से नहीं होती, बल्कि इसका सीधा संबंध आपकी जन्म कुंडली से भी होता है। इस लेख में हम समझेंगे कि कुंडली में विवाह योग होने के बावजूद भी विवाह में देरी क्यों होती है , और इस समस्या के ज्योतिषीय कारण क्या हो सकते हैं। साथ ही जानेंगे कि कैसे Dr. Vinay Bajrangi की विशेषज्ञ सलाह से विवाह की राह आसान हो सकती है। विवाह योग क्या होता है? विवाह योग से आशय उस ग्रह स्थिति से है जो किसी व्यक्ति के जीवन में शादी के लिए उपयुक्त समय और जीवनसाथी का संकेत देती है। यह योग मुख्य रूप से कुंडली के 7वें भाव , उसके स्वामी, और उससे जुड़ी ग्रह दशाओं पर आधारित होता है। 7वां भाव (House of Marriage) यह दर्शाता है कि विवाह कब और किस प्रकार का होगा। जब यह भाव या इसका स्वामी कमजोर होता है या किसी पाप ग्रह (मालिफिक प्लेनेट्स) से प्रभावित होता है, तो विवाह में देरी या बाधाएं उत्पन्न होत...