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शादी में आने वाली रुकावट दूर करने के लिए करें ये ज्योतिषीय उपाय

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  शादी हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। लेकिन कई बार लाख कोशिशों के बावजूद शादी में रुकावट आ जाती है। कभी सही रिश्ता नहीं मिलता , तो कभी सगाई के बाद बात टूट जाती है । ऐसे में जरूरी है कि हम ज्योतिषीय उपाय अपनाकर इन बाधाओं को दूर करें। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में कुछ ग्रह दोष होते हैं जो विवाह में देरी या रुकावट का कारण बनते हैं। लेकिन इनका समाधान संभव है। आज हम जानेंगे ऐसे ही कुछ असरदार उपाय, जिन्हें अपनाकर आप अपने विवाह मार्ग को सुगम बना सकते हैं। शादी में रुकावट के ज्योतिषीय कारण 1. मांगलिक दोष (Mangal Dosh)  — अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित हो तो वह मांगलिक दोष कहलाता है। इससे शादी में देरी या रिश्तों में समस्याएं आती हैं। 2. शनि का प्रभाव  — यदि शनि ग्रह सप्तम भाव पर प्रभाव डाल रहा हो, तो वह व्यक्ति के विवाह में रुकावट पैदा करता है। 3. गुरु और शुक्र की स्थिति  — विवाह में गुरु (बृहस्पति) और शुक्र का सीधा संबंध होता है। इनका नीचस्थ या पीड़ित होना विवाह में रुकावट का कारण बनता है।...

ज्योतिषी आपकी कुंडली द्वारा विवाह की समस्याओं का समाधान कैसे कर सकते हैं

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  भारत में विवाह को सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। लेकिन आज के समय में कई लोग विवाह में देरी , कुंडली दोष , या वैवाहिक जीवन में तनाव जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में एक अनुभवी ज्योतिषी आपकी कुंडली के माध्यम से न केवल समस्या की जड़ तक पहुंच सकते हैं, बल्कि उसका सटीक समाधान भी बता सकते हैं। डॉ. विनय बजरंगी , जो कि एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य हैं, मानते हैं कि हर व्यक्ति की कुंडली में विवाह से जुड़े सभी संकेत पहले से मौजूद होते हैं। सही विश्लेषण से आप जान सकते हैं कि विवाह कब होगा , कैसा जीवनसाथी मिलेगा , और अगर कोई दोष है तो उसका उपाय क्या हो सकता है। कुंडली और विवाह में संबंध कुंडली विश्लेषण में मुख्य रूप से सप्तम भाव (7th house) देखा जाता है, जो कि विवाह , जीवनसाथी , और वैवाहिक जीवन से संबंधित होता है। इसके अलावा शुक्र , गुरु , और मंगल ग्रह भी विवाह में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जब इन ग्रहों की स्थिति अनुकूल न हो या सप्तम भाव पीड़ित हो, तो व्यक्ति को विवाह में समस्याएं आ सकती हैं। विवाह की समस्याएं जो कुंडली द्वारा पहचानी...

क्या मेरी कुंडली यह निर्धारित करती है कि मैं कब शादी करूंगा?

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क्या आपकी कुंडली बता सकती है कि आपकी शादी कब होगी? यह सवाल हर अविवाहित व्यक्ति के मन में जरूर आता है। खासकर जब उम्र बढ़ रही हो या परिवार और समाज का दबाव बढ़ता जा रहा हो। विवाह योग , शादी का समय , और मैरिज एस्ट्रोलॉजी से जुड़ी जानकारियाँ आपकी जन्म कुंडली में छिपी होती हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, आपकी कुंडली में कुछ खास ग्रहों और भावों की स्थिति आपके विवाह के समय , जीवनसाथी के स्वभाव , और शादी के बाद के जीवन को दर्शाती है। विवाह का निर्धारण कैसे होता है? आपकी जन्म कुंडली यानी कुंडली चार्ट में कई ऐसे संकेत होते हैं जो बताते हैं कि आपकी शादी कब और कैसे होगी । इन संकेतों को पढ़ने के लिए कुछ मुख्य भावों और ग्रहों का विश्लेषण किया जाता है: 1. सप्तम भाव (7th House) — विवाह का मुख्य भाव सप्तम भाव को विवाह का भाव माना जाता है। यह यह दर्शाता है कि आपका जीवनसाथी कैसा होगा, आपकी शादी कब होगी , और आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा। अगर इस भाव में शुभ ग्रह जैसे बृहस्पति या शुक्र हैं, तो विवाह सुखद होता है। 2. शुक्र (Venus) — प्रेम और विवाह का कारक...

Kundali Me Vivah Yog: विवाह में क्यों होती है देरी? जानिए कारण

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  हर व्यक्ति के जीवन में विवाह एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है। लेकिन बहुत बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों की कुंडली में विवाह योग होते हुए भी शादी में देरी होती है। यह देरी केवल सामाजिक या व्यक्तिगत कारणों से नहीं होती, बल्कि इसका सीधा संबंध आपकी जन्म कुंडली से भी होता है। इस लेख में हम समझेंगे कि कुंडली में विवाह योग होने के बावजूद भी विवाह में देरी क्यों होती है , और इस समस्या के ज्योतिषीय कारण क्या हो सकते हैं। साथ ही जानेंगे कि कैसे Dr. Vinay Bajrangi की विशेषज्ञ सलाह से विवाह की राह आसान हो सकती है। विवाह योग क्या होता है? विवाह योग से आशय उस ग्रह स्थिति से है जो किसी व्यक्ति के जीवन में शादी के लिए उपयुक्त समय और जीवनसाथी का संकेत देती है। यह योग मुख्य रूप से कुंडली के 7वें भाव , उसके स्वामी, और उससे जुड़ी ग्रह दशाओं पर आधारित होता है। 7वां भाव (House of Marriage) यह दर्शाता है कि विवाह कब और किस प्रकार का होगा। जब यह भाव या इसका स्वामी कमजोर होता है या किसी पाप ग्रह (मालिफिक प्लेनेट्स) से प्रभावित होता है, तो विवाह में देरी या बाधाएं उत्पन्न होत...

कुंडली में प्रेम विवाह की पहचान कैसे करें

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  विवाह और ज्योतिष शास्त्र का महत्त्वज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को जाना जा सकता है। इनमें विवाह एक प्रमुख भूमिका निभाता है। विशेष रूप से, अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी जन्म कुंडली में लव मैरिज का योग है या नहीं तो इसके लिए कुछ विशिष्ट योगों और ग्रहों की स्थिति को देखा जाता है। आइए, विस्तार से समझते हैं। लव मैरिज के योग जन्मकुंडली में पंचम और सप्तम भाव का संबंध: पंचम भाव प्रेम और रोमांस का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि सप्तम भाव विवाह का। यदि इन दोनों भावों के स्वामी आपस में संबंध रखते हैं या एक ही ग्रह से प्रभावित होते हैं, तो यह जन्मकुंडली में लव मैरिज का संकेत हो सकता है। शुक्र और चंद्रमा का प्रभाव: शुक्र प्रेम और आकर्षण का कारक ग्रह है, और चंद्रमा भावनाओं का प्रतीक है। जब ये दोनों ग्रह मजबूत और शुभ स्थिति में हों और विशेष रूप से पंचम और सप्तम भाव में हों, तो यह लव मैरिज का योग बन सकता है। राहु और मंगल का प्रभाव: राहु स्वतंत्र विचारों और परंपराओं को तोड़ने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। यदि राहु पंचम भाव में हो या सप्तम...

What to Do If your Marriage Is Getting Delayed?

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  Marriage is a critical turning point in one’s life, symbolizing love, partnership, and shared dreams. In any case, not everyone experiences a smooth journey towards this union. For some, the wait can feel endless, with obstacles showing up out of no place, causing dissatisfaction and concern. If your marriage is getting delayed, it might not just be circumstantial. According to Vedic astrology, the delay could be due to planetary influences and other cosmic factors. Here’s a guide to understanding   why your marriage might be delayed   and what astrological remedies can help you overcome the hurdles. Astrological Reasons for delay in marriage Influence of Saturn Saturn is known for its slow nature, which can delay critical life events, including marriage. A strong Saturn in your birth chart, especially in the 7th house (the house of marriage), can cause delays in marriage. If Saturn is sitting in a bad position it might delay marriage until after the late 30s ...