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Kundali Matching for Happy Marriage

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  Marriage is one of the most significant milestones in life, and its success often depends on the partners’ compatibility. In Vedic astrology,  Kundali matching  plays a vital role in assessing this compatibility. Also known as  Kundali matching for marriage , it is a practice that evaluates the planetary positions of the bride and groom to determine how well their energies align. This process ensures that both partners are likely to experience harmony, understanding, and long-term happiness. What is Kundali Matching? Kundali matching  involves analysing the birth charts of both individuals. Each birth chart reflects the positions of the planets at the time of birth and influences a person’s personality, behaviour, and life events. By comparing the charts, astrologers can identify: Emotional compatibility Mental and physical harmony Potential challenges in the relationship Timing for marriage and family planning This detailed evaluation is ...

कुंडली मिलान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

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  कुंडली मिलान (Kundli Milan) भारतीय विवाह परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल दो व्यक्तियों बल्कि दो परिवारों के मिलन का आधार होता है। विवाह जीवनभर का बंधन है और इसमें सफलता के लिए ज्योतिषीय संगति (Astrological Compatibility) का होना बेहद जरूरी है। कुंडली मिलान के माध्यम से यह जाना जाता है कि दंपत्ति का आपसी तालमेल, मानसिक स्थिति, आर्थिक स्थिरता, और स्वास्थ्य कैसा रहेगा। प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, केवल गुण मिलान पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होता। एक सफल विवाह के लिए कई अन्य ज्योतिषीय कारक भी देखना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं कि कुंडली मिलान करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 1. गुण मिलान (Guna Milan) सबसे पहले ध्यान दिया जाता है अष्टकूट मिलान ( Ashtakoota Matching ) पर। इसमें कुल 36 गुणों का मिलान किया जाता है — जैसे वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी । अगर 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं , तो विवाह सामान्य रूप से अनुकूल माना जाता है। लेकिन केवल गुणों की संख्या ही निर्णायक नहीं होती। Dr. Vi...

कुंडली मिलान क्या है - एक मित्र या एक शत्रु?

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  भारतीय संस्कृति और विवाह ज्योतिष में कुंडली मिलान का विशेष महत्व है। जब दो लोगों का विवाह तय किया जाता है, तो सबसे पहले उनकी जन्म कुंडलियों का मिलान किया जाता है। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है —  क्या कुंडली मिलान वास्तव में एक मित्र की तरह मदद करता है, या यह शत्रु बनकर रिश्तों में बाधा डालता है? डॉ. Vinay Bajrangi कहते हैं कि यदि कुंडली मिलान को सही तरीके से समझा जाए तो यह केवल वर–वधू की अनुकूलता नहीं बताता, बल्कि भविष्य में होने वाली समस्याओं और सुख–दुख का भी आकलन करता है। कुंडली मिलान का महत्व कुंडली मिलान केवल एक पारंपरिक प्रथा नहीं है, बल्कि विवाह ज्योतिष का एक अत्यंत वैज्ञानिक पक्ष है। यह प्रक्रिया जन्म समय, जन्म स्थान और नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित होती है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं: · दाम्पत्य जीवन की अनुकूलता जानना। · मंगल दोष , नाड़ी दोष , या भकूट दोष जैसी संभावित बाधाओं को पहचानना। · बच्चों के सुख, स्वास्थ्य और दांपत्य स्थिरता की जानकारी प्राप्त करना। · विवाह के बाद के जीवन में सामंजस्य स्थापित करना। मित्र की तरह — जब कुंडली मिलान मार्गदर्शक बनता है यदि स...

आधुनिक विवाहों में कुंडली मिलान के मिथक और वास्तविकताओं को समझना

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  विवाह एक जीवन भर का बंधन होता है, और भारतीय संस्कृति में इसे केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। पुराने समय से लेकर आज तक, कुंडली मिलान या गुण मिलान को एक आवश्यक प्रक्रिया माना जाता है। लेकिन आधुनिक समय में, जहां लोग लव मैरिज , इंटर–कास्ट विवाह , और लिव–इन रिलेशनशिप को अपनाने लगे हैं, वहां यह सवाल उठता है —  क्या कुंडली मिलान आज भी उतना ही जरूरी है? आइए समझते हैं कि आधुनिक विवाहों में कुंडली मिलान से जुड़े मिथक क्या हैं Watch Video , और इनके पीछे की वास्तविकताएं क्या हैं। कुंडली मिलान: परंपरा या प्रासंगिक विज्ञान? Dr. Vinay Bajrangi , एक प्रख्यात वैदिक ज्योतिषाचार्य, मानते हैं कि “ कुंडली मिलान केवल गुणों की संख्या मिलाने तक सीमित नहीं है । यह दो व्यक्तियों के मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक स्तर पर मेल–जोल का गहन विश्लेषण है।“ लेकिन समस्या कहां है? आधुनिक समय में लोग कुंडली मिलान को एक पुरानी रस्म या अंधविश्वास मानने लगे हैं। इसके पीछे कुछ आम मिथक (Myths) हैं: कुंडली मिलान से जुड़े प्रमुख मिथक...

फ्री ऑनलाइन कुंडली मिलान सॉफ़्टवेयर क्या है? यह सहायक है या नहीं?

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  विवाह से पहले कुंडली मिलान का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत गहरा है। यह न केवल वर–वधू की अनुकूलता को जांचता है, बल्कि उनके भावी वैवाहिक जीवन की स्थिरता, प्रेम, स्वास्थ्य और संतान सुख की संभावनाओं को भी दर्शाता है। आज के डिजिटल युग में, लोग तेजी से फ्री ऑनलाइन कुंडली मिलान सॉफ़्टवेयर की ओर आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है — क्या ये सॉफ़्टवेयर वास्तव में भरोसेमंद हैं? फ्री ऑनलाइन कुंडली मिलान सॉफ़्टवेयर क्या है? फ्री ऑनलाइन कुंडली मिलान सॉफ़्टवेयर एक ऐसा डिजिटल टूल है जो दो व्यक्तियों की जन्म तारीख, समय और स्थान के आधार पर उनकी गुण मिलान रिपोर्ट तैयार करता है। इसमें आमतौर पर अष्टकूट मिलान प्रणाली का उपयोग होता है जिसमें वर और कन्या के बीच कुल 36 गुणों में से कितने मेल खाते हैं , यह देखा जाता है। बाजार में कई वेबसाइट्स और ऐप्स उपलब्ध हैं जो यह सुविधा फ्री कुंडली मिलान बाय नाम और जन्म तिथि के रूप में प्रदान करती हैं। क्या फ्री कुंडली मिलान सॉफ़्टवेयर सही होता है? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। कुछ सीमाओं को समझना जरूरी है: 1. सिर्फ गुण मिलान का...

भारतीय लोग शादी से पहले कुंडली क्यों देखते हैं?

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  भारत में शादी को केवल दो लोगों का मिलन नहीं बल्कि दो परिवारों का आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक बंधन माना जाता है। भारतीय परंपराओं में, शादी से पहले कुंडली मिलान या कुंडली देखना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर भारतीय लोग शादी से पहले कुंडली क्यों देखते हैं ? क्या यह सिर्फ एक पुरानी परंपरा है या इसके पीछे कोई ज्योतिषीय कारण भी है? इस विषय पर डॉ. विनय बजरंगी , जो कि एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषी हैं, का कहना है कि कुंडली मिलान/ kundali matching से ना केवल दो लोगों के स्वभाव और जीवनशैली की संगति का मूल्यांकन होता है, बल्कि विवाह के बाद आने वाली चुनौतियों और संभावनाओं का भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। कुंडली मिलान क्या है? कुंडली या जन्म पत्रिका एक ज्योतिषीय चार्ट होता है, जो व्यक्ति के जन्म के समय, तिथि और स्थान के आधार पर बनाया जाता है। इसमें ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र और भावों का विस्तृत विवरण होता है। शादी के लिए कुंडली मिलान , जिसे गुण मिलान भी कहा जाता है, के माध्यम से यह देखा जाता है कि लड़का और लड़की एक–दूसरे के साथ कितने...

कुंडली मिलान में कम गुण मिलान स्कोर दिखने पर क्या करें?

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  शादी से पहले कुंडली मिलान भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण परंपरा है। जब दो लोगों के विवाह का विचार किया जाता है, तो सबसे पहले उनकी कुंडली मिलान करवाई जाती है। इसमें मुख्य रूप से गुण मिलान स्कोर (Ashtakoota Matching) देखा जाता है। कुल 36 अंकों में से यदि 18 या उससे अधिक अंक मिलते हैं तो उसे सामान्यतः विवाह के लिए शुभ माना जाता है। लेकिन अगर गुण मिलान स्कोर कम आए तो चिंता होना स्वाभाविक है। सवाल उठता है — अब क्या करें? इस विषय में जाने–माने ज्योतिषाचार्य डॉ. विनय बजरंगी (Dr. Vinay Bajrangi) बताते हैं कि केवल गुण मिलान ही शादी के लिए अंतिम निर्णय का आधार नहीं होना चाहिए। आइए विस्तार से समझते हैं। कुंडली मिलान में कम अंक क्यों आते हैं? गुण मिलान स्कोर आठ मुख्य पहलुओं (वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी) पर आधारित होता है। हर एक पहलू का अपना अलग महत्व होता है। कभी–कभी, किसी एक या दो पहलुओं में गंभीर दोष होने के कारण स्कोर बहुत कम हो सकता है। उदाहरण के लिए: · नाड़ी दोष या भकूट दोष मिलना ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह में बाधक माना जाता है। ·...