आधुनिक विवाहों में कुंडली मिलान के मिथक और वास्तविकताओं को समझना

विवाह एक जीवन भर का बंधन होता है, और भारतीय संस्कृति में इसे केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। पुराने समय से लेकर आज तक, कुंडली मिलान या गुण मिलान को एक आवश्यक प्रक्रिया माना जाता है। लेकिन आधुनिक समय में, जहां लोग लव मैरिज , इंटर–कास्ट विवाह , और लिव–इन रिलेशनशिप को अपनाने लगे हैं, वहां यह सवाल उठता है — क्या कुंडली मिलान आज भी उतना ही जरूरी है? आइए समझते हैं कि आधुनिक विवाहों में कुंडली मिलान से जुड़े मिथक क्या हैं Watch Video , और इनके पीछे की वास्तविकताएं क्या हैं। कुंडली मिलान: परंपरा या प्रासंगिक विज्ञान? Dr. Vinay Bajrangi , एक प्रख्यात वैदिक ज्योतिषाचार्य, मानते हैं कि “ कुंडली मिलान केवल गुणों की संख्या मिलाने तक सीमित नहीं है । यह दो व्यक्तियों के मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक स्तर पर मेल–जोल का गहन विश्लेषण है।“ लेकिन समस्या कहां है? आधुनिक समय में लोग कुंडली मिलान को एक पुरानी रस्म या अंधविश्वास मानने लगे हैं। इसके पीछे कुछ आम मिथक (Myths) हैं: कुंडली मिलान से जुड़े प्रमुख मिथक...