Posts

Showing posts with the label Medical astrology

ज्योतिष से जानें: अच्छा स्वास्थ्य और अपार धन पाने के उपाय

Image
  हर इंसान अपने जीवन में अच्छा स्वास्थ्य और अपार धन पाना चाहता है। लेकिन कई बार मेहनत और प्रयास के बावजूद सफलता हाथ नहीं लगती, या स्वास्थ्य बार–बार खराब होता है। ज्योतिष शास्त्र में इन समस्याओं का गहरा विश्लेषण मिलता है। ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति आपके जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। इसी कारण स्वस्थ ज्योतिष के उपाय अपनाकर न केवल आप अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं, बल्कि दीर्घायु और स्वस्थ जीवन भी प्राप्त कर सकते हैं। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, यदि कुंडली में ग्रहों की सही पहचान और उनकी दशा–महादशा का गहन अध्ययन किया जाए, तो व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली कई बाधाओं को पहले ही समझकर उनसे बच सकता है। अच्छा स्वास्थ्य पाने के ज्योतिषीय उपाय 1. सूर्य की उपासना करें सूर्य हमारे स्वास्थ्य और ऊर्जा का कारक ग्रह है। रोज़ाना प्रातःकाल सूर्य को जल अर्पित करने से मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है। 2. चंद्रमा को मजबूत करें चंद्रमा मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यदि चंद्रमा कमजोर हो, तो व्यक्ति मानसिक तनाव और चिंता से ग्रस्त हो सकता है। इसके लिए...

ज्योतिष के साथ अपने जीवनकाल को जानें

Image
  मानव जीवन सदियों से रहस्यों से भरा रहा है। हर कोई यह जानना चाहता है कि उसका जीवन किस दिशा में जाएगा, कितनी उम्र तक जिएगा और किस प्रकार की परिस्थितियों से गुजरेगा। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) इन सवालों के उत्तर खोजने का एक प्राचीन और प्रभावशाली माध्यम है। जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और दशाओं का अध्ययन करके व्यक्ति के जीवनकाल और उसकी प्रमुख घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है। जीवनकाल जानने में ज्योतिष का महत्व जीवनकाल ज्योतिष ( Life span Astrology ) के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बारह भावों और उनमें बैठे ग्रहों की स्थिति से उसके जीवन की लंबाई और गुणवत्ता का पता चलता है। · पहला भाव (लग्न)  — व्यक्ति के स्वास्थ्य और शरीर को दर्शाता है। · अष्टम भाव  — आयु और जीवन की अनिश्चितताओं का भाव है। · द्वादश भाव  — अंत और मोक्ष से जुड़ा भाव माना जाता है। यदि इन भावों में शुभ ग्रह स्थित हों या उनकी दृष्टि पड़ी हो, तो व्यक्ति लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन जीता है। वहीं, अशुभ ग्रहों की स्थिति जीवन में कठिनाइयाँ और आयु संबंधी चिंताएँ ला सकती हैं। ग्रहों और दशाओं की भूमिका ग्...

Health Astrology: हमें लंबा जीवन जीने के लिए क्या करना चाहिए?

Image
  हर कोई चाहता है कि वह स्वस्थ और लंबा जीवन जिए। लेकिन कई बार हम बीमारियों, मानसिक तनाव और जीवनशैली की गलतियों के कारण परेशानियों से घिर जाते हैं। आधुनिक विज्ञान स्वास्थ्य के लिए डाइट और व्यायाम की सलाह देता है, वहीं ज्योतिष शास्त्र भी हमें यह बताता है कि किस प्रकार ग्रहों की स्थिति हमारे स्वास्थ्य और दीर्घायु को प्रभावित करती है। अगर जन्म कुंडली में स्वास्थ्य से जुड़े भाव और ग्रह मजबूत हों, तो व्यक्ति लंबा, स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकता है। वहीं अगर ये भाव और ग्रह कमजोर हों, तो व्यक्ति को बार–बार बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य ज्योतिष/ Health Astrology में किन भावों और ग्रहों का महत्व है और लंबा जीवन जीने के लिए क्या उपाय करने चाहिए। स्वास्थ्य और दीर्घायु से जुड़े भाव 1. प्रथम भाव (लग्न भाव)  — यह आपके शरीर, व्यक्तित्व और संपूर्ण स्वास्थ्य को दर्शाता है। 2. अष्टम भाव  — यह आयु और दुर्घटनाओं से जुड़ा भाव है। 3. षष्ठ भाव  — रोग और शत्रुओं का भाव। इसमें ग्रहों की स्थिति रोगों की संभावना बताती है। 4. आयु भाव  — मुख्य रूप से अष्टम और अष्टमेश...

स्वास्थ्य भविष्यवाणी के लिए कुंडली का उपयोग कैसे करें?

Image
  हमारी कुंडली न केवल हमारे भविष्य , विवाह , या करियर की जानकारी देती है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य से संबंधित संभावित समस्याओं और उनकी समाधान के बारे में भी संकेत देती है। स्वास्थ्य भविष्यवाणी ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। सही तरीके से जन्म कुंडली का विश्लेषण करने से यह जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति को जीवन में किन–किन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और उनसे कैसे बचा जा सकता है। कुंडली में स्वास्थ्य का महत्व स्वास्थ्य की स्थिति को जानने के लिए कुंडली में विशेष रूप से पहला भाव (लग्न भाव) , छठा भाव , आठवां भाव , और बारहवां भाव का विशेष महत्व होता है। इन भावों में स्थित ग्रह और उनके साथ बने योग बताते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार की बीमारियों की संभावना है और किस उम्र में वे प्रकट हो सकती हैं। · लग्न भाव : यह व्यक्ति के शरीर, रूप–रंग और संपूर्ण स्वास्थ्य को दर्शाता है। · छठा भाव : यह रोग , दैनिक समस्याएं , और शत्रुओं का भाव है। · आठवां भाव : यह भाव दीर्घकालिक रोग , अचानक दुर्घटनाएं और आयु को दर्शाता...

क्या जन्म कुंडली जन्म समय के बिना सटीक होती है?

Image
  भारतीय ज्योतिष में जन्म कुंडली (Birth Chart) को व्यक्ति के जीवन का दर्पण कहा जाता है। यह जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर बनाई जाती है, जो भविष्य की घटनाओं, स्वभाव, करियर, विवाह, स्वास्थ्य आदि की सटीक जानकारी देती है। लेकिन एक बड़ा सवाल अक्सर उठता है —  क्या जन्म कुंडली जन्म समय के बिना सटीक हो सकती है? इस प्रश्न का उत्तर स्पष्ट है: नहीं, बिना जन्म समय के पूर्ण सटीकता संभव नहीं होती। जन्म समय क्यों ज़रूरी होता है? जन्म समय ( Birth Time ) केवल घड़ी में दर्ज किया हुआ एक समय नहीं होता, बल्कि यह बताता है कि किसी विशेष स्थान पर, एक विशेष क्षण में, ग्रह और नक्षत्र किस स्थिति में थे। यही स्थिति व्यक्ति के लग्न (Ascendant) और भाव (Houses) को निर्धारित करती है। ज्योतिष द्वारा जन्म समय सुधार | उदाहरण के लिए: · केवल 4 मिनट का अंतर लग्न को बदल सकता है। · नवमांश कुंडली (D-9), दशांश (D-10), और अन्य वर्ग कुंडलियाँ (Divisional Charts) भी जन्म समय के आधार पर बनती हैं। · करियर, विवाह, संतान और मृत्यु जैसी विशेष भविष्यवाणियाँ बिना सही समय के असंभव हो सकती ह...

व्यवसाय और जीवन के संतुलन को बनाए रखने के लिए ज्योतिषीय टिप्स

Image
  आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में व्यवसाय में संतुलन बनाए रखना हर किसी के लिए एक चुनौती बन चुका है। अधिकतर लोग यह समझ ही नहीं पाते कि कब काम रुकना चाहिए और कब जीवन को जीना चाहिए। ऐसी स्थिति में ज्योतिष शास्त्र एक शक्तिशाली मार्गदर्शक बन सकता है, जो आपके ग्रहों की स्थिति के अनुसार जीवन में संतुलन बनाए रखने के उपाय सुझाता है। प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति यह संकेत देती है कि आप किन क्षेत्रों में असंतुलन का सामना कर सकते हैं और कैसे इस असंतुलन को सही किया जा सकता है। ज्योतिष कैसे कर सकता है जीवन और व्यवसाय में संतुलन स्थापित? ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जीवन में संतुलन तब आता है जब ग्रहों की चाल और दशाएं आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों — जैसे करियर भविष्यवाणी , विवाह भविष्यवाणी , मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य — में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। व्यवसाय और जीवन के संतुलन के लिए प्रमुख ज्योतिषीय टिप्स 1. कुंडली में दशा और अंतर्दशा का विश्लेषण करें दशा और अंतर्दशा यह तय करती है कि आपके जीवन में...

ज्योतिषी सुझाव आपको स्वस्थ जीवन के लिए कैसे मदद कर सकते हैं?

Image
  स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ज्योतिष के माध्यम से स्वास्थ्य समस्याओं को पहले ही पहचाना और टाला जा सकता है? वैदिक ज्योतिष , न केवल आपके भविष्य की दिशा बताता है, बल्कि यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। यह ब्लॉग आपको बताएगा कि कैसे ज्योतिषी के सुझाव आपके जीवन में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं और ग्रहों का प्रभाव हमारे जन्म के समय ग्रहों की स्थिति यह संकेत देती है कि भविष्य में हमें किस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे: · छठे भाव में स्थित ग्रह हमारी बीमारियों और रोगों को दर्शाते हैं। · आठवां भाव दुर्घटनाओं, ऑपरेशन या लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों से संबंधित होता है। · बारहवां भाव अस्पताल, मानसिक तनाव और अनिद्रा से जुड़ा होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में इन भावों में शनि, राहु या केतु जैसे पाप ग्रह स्थित हों, तो स्वास्थ्य समस्याएं लंबे समय तक बनी रह सकती हैं। ज्योतिषी कैसे देते हैं स्वास्थ्य संबंधी समा...