ज्योतिष के साथ अपने जीवनकाल को जानें

मानव जीवन सदियों से रहस्यों से भरा रहा है। हर कोई यह जानना चाहता है कि उसका जीवन किस दिशा में जाएगा, कितनी उम्र तक जिएगा और किस प्रकार की परिस्थितियों से गुजरेगा। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) इन सवालों के उत्तर खोजने का एक प्राचीन और प्रभावशाली माध्यम है। जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और दशाओं का अध्ययन करके व्यक्ति के जीवनकाल और उसकी प्रमुख घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है। जीवनकाल जानने में ज्योतिष का महत्व जीवनकाल ज्योतिष ( Life span Astrology ) के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बारह भावों और उनमें बैठे ग्रहों की स्थिति से उसके जीवन की लंबाई और गुणवत्ता का पता चलता है। · पहला भाव (लग्न) — व्यक्ति के स्वास्थ्य और शरीर को दर्शाता है। · अष्टम भाव — आयु और जीवन की अनिश्चितताओं का भाव है। · द्वादश भाव — अंत और मोक्ष से जुड़ा भाव माना जाता है। यदि इन भावों में शुभ ग्रह स्थित हों या उनकी दृष्टि पड़ी हो, तो व्यक्ति लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन जीता है। वहीं, अशुभ ग्रहों की स्थिति जीवन में कठिनाइयाँ और आयु संबंधी चिंताएँ ला सकती हैं। ग्रहों और दशाओं की भूमिका ग्...