सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कुंडली मिलान क्यों आवश्यक है?

भारतीय संस्कृति में विवाह को केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों का संस्कारिक और भावनात्मक जुड़ाव माना जाता है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसका विवाह जीवनभर खुशहाल और स्थिर रहे। लेकिन कई बार विवाह में समस्याएँ जैसे असमान विचारधारा, आपसी विवाद, या दांपत्य सुख की कमी रिश्ते को प्रभावित करती हैं। इन परिस्थितियों से बचने और सुखी वैवाहिक जीवन पाने के लिए कुंडली मिलान ( Horoscope Matching ) का महत्व बेहद बड़ा है। कुंडली मिलान विवाह से पहले की वह प्रक्रिया है, जिसमें वर–वधू की जन्म पत्रिकाओं का अध्ययन कर यह देखा जाता है कि दोनों के ग्रह, नक्षत्र और योग कितने सामंजस्यपूर्ण हैं। जब ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है, तो वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, प्रेम और स्थायित्व आता है। कुंडली मिलान क्यों आवश्यक है? 1. गुण मिलान और अनुकूलता (Guna Milan & Compatibility) कुंडली मिलान में आठ प्रकार के गुणों का मिलान किया जाता है, जिन्हें अष्टकूट मिलान कहा जाता है। इसमें वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी जैसे तत्वों का विश्लेषण होता है। इनका उच्च अंक प्...