जन्म तिथि से जीवनकाल की भविष्यवाणी: आपकी उम्र के बारे में क्या कहती है आपकी कुंडली?
मनुष्य के मन में सबसे गहरा और स्वाभाविक प्रश्न यही होता है कि उसकी उम्र कितनी होगी। जन्म तिथि से जीवनकाल की भविष्यवाणी ज्योतिष का वह विषय है, जिसमें व्यक्ति की कुंडली के आधार पर यह जाना जाता है कि उसका जीवन कितना लंबा हो सकता है और किन कालखंडों में स्वास्थ्य की अधिक सावधानी आवश्यक होती है। यह विद्या मृत्यु की निश्चित तिथि बताने का दावा नहीं करती, बल्कि जीवन की दिशा, शरीर की मजबूती और संभावित संकटों के संकेत देती है। भारतीय ज्योतिष में जीवनकाल को कभी भी स्थायी संख्या के रूप में नहीं देखा गया। ग्रहों की स्थिति, भावों की शक्ति, दशा और जीवनशैली — इन सभी का संयुक्त प्रभाव व्यक्ति की आयु पर पड़ता है। कुंडली में जीवनकाल का निर्धारण कैसे होता है? जीवनकाल का निर्णय किसी एक ग्रह से नहीं होता। इसके लिए कुंडली के कई भावों और ग्रहों का सामूहिक अध्ययन किया जाता है। विशेष रूप से निम्न तत्वों को देखा जाता है — लग्न भाव और उसका स्वामी ग्रह अष्टम भाव और उसका स्वामी तृतीय भाव शनि और बृहस्पति की स्थिति चल रही महादशा और अंतर्दशा यदि लग्न और अष्टम भाव दोनों मजबूत हों, तो व्यक्ति दीर्घायु माना ...