कुंडली में प्रेम विवाह की पहचान कैसे करें
विवाह और ज्योतिष शास्त्र का महत्त्वज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को जाना जा सकता है। इनमें विवाह एक प्रमुख भूमिका निभाता है। विशेष रूप से, अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी जन्म कुंडली में लव मैरिज का योग है या नहीं तो इसके लिए कुछ विशिष्ट योगों और ग्रहों की स्थिति को देखा जाता है। आइए, विस्तार से समझते हैं। लव मैरिज के योग जन्मकुंडली में पंचम और सप्तम भाव का संबंध: पंचम भाव प्रेम और रोमांस का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि सप्तम भाव विवाह का। यदि इन दोनों भावों के स्वामी आपस में संबंध रखते हैं या एक ही ग्रह से प्रभावित होते हैं, तो यह जन्मकुंडली में लव मैरिज का संकेत हो सकता है। शुक्र और चंद्रमा का प्रभाव: शुक्र प्रेम और आकर्षण का कारक ग्रह है, और चंद्रमा भावनाओं का प्रतीक है। जब ये दोनों ग्रह मजबूत और शुभ स्थिति में हों और विशेष रूप से पंचम और सप्तम भाव में हों, तो यह लव मैरिज का योग बन सकता है। राहु और मंगल का प्रभाव: राहु स्वतंत्र विचारों और परंपराओं को तोड़ने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। यदि राहु पंचम भाव में हो या सप्तम...