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Showing posts from December, 2024

Rashifal January 2025: इन राशियों के जीवन में आएगा बदलाव, चमक उठेगी फूटी किस्मत

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  ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर नए वर्ष के शुरुआत में ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों की चाल हमारे जीवन में बड़े बदलाव ला सकती है। जनवरी 2025 का राशिफल विभिन्न राशियों के लिए खास अवसर लेकर आ सकता है। इस दिन कुछ राशियों के जीवन में बदलाव आएगा और कुछ के लिए किस्मत का सितारा चमकेगा। जनवरी माह 2025 का राशिफल, खासकर करियर, शिक्षा, व्यापार और शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत दे सकता है। तो चलिए जानते हैं, 2025 राशिफल किस तरह से राशियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा। जनवरी मंथली राशिफल 2025: जनवरी माह 2025 का राशिफल कुछ राशियों के लिए, जनवरी राशिफल 2025 एक सकारात्मक परिवर्तन और नई शुरुआत का समय लेकर आने की संभावना है। बृहस्पति और शुक्र जैसे ग्रहों की स्थितियां आपको नई दिशा दे सकती हैं। इस महीने ग्रहों की चाल से आपको नई ऊर्जा मिल सकती है, जो आपके करियर, शिक्षा, व्यापार, और परिवार के मामलों में सफलता की कुंजी बन सकती है। अब जानते हैं 1 जनवरी 2025 के दिन विशेष राशियों के लिए क्या संकेत हैं। मेष (Aries): मेष राशि के जातकों के लिए जनवरी 2025 करियर में नई ऊंचाइय...

When is the Best Time to Get Pregnant?

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  Starting a family is one of the most profound and life-changing decisions one can make. Whether you are planning for natural conception or exploring assisted options such as IVF, understanding the best time to get pregnant can significantly increase your chances of success. Factors such as physical health, mental well-being, and even medical astrology can play a crucial role in this journey. This article delves into when the best time to conceive is and provides tips on how to increase your chances of pregnancy. The Best Time to Get Pregnant Several factors influence the process of conception, but timing is perhaps one of the most important. From a biological standpoint, it is also crucial to understand your ovulation cycle. Here’s how it works: Ovulation Period: Ovulation is usually at about 14 days before your next period. It is the time when an egg is released from the ovary and is available for fertilization. The “fertile window” is roughly six days long: five days lead...

How many Guna Matching is Needed for a Successful Marriage?

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  The kundali matching of marriage astrology is one of the most important aspects of Indian traditions, often known as Guna Matching. It is the ancient practice by which compatibility between two people is decided based on their birth charts and ensures a harmonious and successful marriage. How many Guna match for successful marriage ? Let’s explore this fascinating astrological method and its importance in crafting a successful marital bond. What is Guna Matching in Astrology? Guna Matching is a compatibility measure of two horoscopes, derived from the Ashtakoot system in Vedic astrology. It calculates compatibility using eight key parameters, or “Koots,” that signify different aspects of life, such as emotional, physical, and spiritual compatibility. The eight Koots and their respective points are: Varna (1 point): Social compatibility and ego levels. Vashya (2 points): Influence and control in the relationship. Tara (3 points): Health and destiny alignment. Yoni (4 points): ...

सफल विवाह के लिए कितने गुण मिलान की आवश्यकता है?

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  भारतीय वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह प्रक्रिया वर और वधू की कुंडलियों के आधार पर उनकी संगति, वैवाहिक जीवन की सफलता, और पारिवारिक सामंजस्य का विश्लेषण करती है। इसमें कुल 36 गुण होते हैं, जिनका विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि सफल विवाह के लिए कितने गुणों का मिलान होना आवश्यक है? आइए इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से समझते हैं। गुण मिलान: क्या है इसका महत्व? गुण मिलान को “ अष्टकूट मिलान ” कहा जाता है, जो वर और वधू की जन्म कुंडली के आठ अलग–अलग पहलुओं का विश्लेषण करता है। ये पहलू हैं: 1. वर्ण (1 गुण): मानसिक संगति का विश्लेषण। 2. वश्य (2 गुण): एक–दूसरे पर प्रभाव डालने की क्षमता। 3. तारा (3 गुण): स्वास्थ्य और समृद्धि की अनुकूलता। 4. योनि (4 गुण): शारीरिक और मानसिक संगति। 5. ग्रह मैत्री (5 गुण): ग्रहों की आपसी अनुकूलता। 6. गण (6 गुण): स्वभाव और व्यक्तित्व की समानता। 7. भकूट (7 गुण): वैवाहिक समृद्धि और पारिवारिक जीवन। 8. नाड़ी (8 गुण): स्वास्थ्य और संतान से जुड़ी अनुकूलता। सफल विवाह के लिए क...

Can I Find My Soulmate in Birth Chart

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  The idea of a soulmate-a person whom you are meant to spend your life in deep, profound connection with-has long captivated humanity. Astrology provides a fascinating perspective with which to explore this question. A birth chart, or natal chart, is a celestial map of the planets at the exact time and place of your birth. It can reveal how your relationships function, if you and your partner are compatible, or even what your soulmate looks like. Here’s how to see your potential for a soulmate through birth chart by exploring astrology. The 7th House: The House of Partnerships In astrology, the 7th house is considered traditionally about marriage and partnerships. Long-term relationships, especially that of a soulmate, are considered; it also provides deep insights into the qualities and dynamics you look for in your partner. Ruler of the 7th House: The planet that rules your 7th house, according to your rising sign, is going to describe your partner’s potential qualities, value...

क्या मैं जान सकता हूँ जन्म कुंडली में मेरा जीवन साथी मिल सकता है?

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  वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली को हमारे जीवन का दर्पण माना जाता है। इसमें जीवन के हर पहलू के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिसमें आपका जीवन साथी भी शामिल है। सवाल यह है कि क्या आपकी जन्म कुंडली में जीवनसाथी से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है? जवाब है — हां। जन्म कुंडली में ग्रहों और भावों की स्थिति आपके जीवन साथी की प्रकृति, संबंधों की स्थिरता, और वैवाहिक जीवन की गुणवत्ता के बारे में बता सकती है। आइए, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस विषय को विस्तार से समझते हैं। जन्म कुंडली में जीवन साथी का संकेत जन्म कुंडली में सातवां भाव (सप्तम भाव) विवाह और जीवन साथी का प्रतिनिधित्व करता है। यह भाव आपके साथी के स्वभाव, उनके साथ आपके संबंध, और वैवाहिक जीवन के सुख–दुख का संकेत देता है। सप्तम भाव और उसका महत्व · सप्तम भाव यह दर्शाता है कि आपका जीवन साथी कैसा होगा — उनका व्यक्तित्व, स्वभाव, और विचारधारा। · यदि सप्तम भाव में शुभ ग्रह (जैसे गुरु, शुक्र, या चंद्रमा) हों, तो वैवाहिक जीवन सुखद होता है। · अशुभ ग्रह (जैसे शनि, राहु, या मंगल) सप्तम भाव में हों, तो रिश्तों में चुनौतिया...

स्वास्थ्य ज्योतिष: कुंडली में छुपा है रोग-मृत्यु का रहस्य

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  स्वास्थ्य और जीवन की दीर्घायु हर व्यक्ति की प्राथमिकता होती है। चाहे किसी भी उम्र के हों, हर इंसान चाहता है कि उसका शरीर स्वस्थ रहे और वह लंबा जीवन जिए। लेकिन कई बार जीवन में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं अचानक सामने आ जाती हैं, जिनके कारणों को समझना मुश्किल होता है। ऐसी परिस्थितियों में वैदिक ज्योतिष न केवल समस्याओं का कारण बताती है बल्कि उनके समाधान भी प्रदान करती है। स्वास्थ्य ज्योतिष/health astrology के अनुसार, हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में रोग और मृत्यु से जुड़े संकेत छिपे होते हैं। आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं। जन्म कुंडली में रोग का समय ज्योतिष में जन्म कुंडली को व्यक्ति के स्वास्थ्य का आईना माना गया है। इसमें रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत छठे, आठवें और बारहवें भाव से मिलता है। इन भावों में स्थित ग्रह और उनकी दशा, महादशा, और गोचर से रोगों के समय और प्रकार का अनुमान लगाया जा सकता है। छठा भाव (षष्ठ भाव) छठा भाव रोग, शत्रु, और ऋण का भाव माना जाता है। इस भाव में स्थित ग्रह किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालते हैं। 1. राहु और केतु : राहु छठ...

How Marriage Astrology Can Improve Your Married Life

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  Marriage holds great importance in one’s life, if not the most, then second or third best point in life. Many critical aspects of individual joy are highly dependent upon the success or failure of marriage. While the reasons for happiness in a marriage are plenty, the ancient wisdom concerning marriage astrology can reveal the mysteries that hover over a couple. Let us understand how marriage astrology can be of significance to married couples. Introduction to Marriage Astrology Marriage astrology is a sub discipline of Vedic astrology that focuses on the position of planets at the time of birth of the person which can in turn predict the condition of the marriage in general. It takes into account the nature of the spouses, the marriage date, the best years to get married, and even how to deal with fights. You can learn about the underlying causes of your troubles with the help of marriage astrologer, Dr. Vinay Bajrangi. In Vedic Astrology, the seventh house governs marriage an...

क्या ज्योतिष भविष्यवाणी कर सकता है कि मैं कब गर्भवती होऊंगी?

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  गर्भधारण का समय हर महिला के जीवन में एक खास महत्व रखता है। कई बार महिलाएं सही समय पर गर्भवती होने की योजना बनाती हैं, लेकिन कई कारणों से यह संभव नहीं हो पाता। क्या ज्योतिष इस सवाल का जवाब दे सकता है कि आप कब गर्भवती होंगी? इसका उत्तर है — हां। वैदिक ज्योतिष के आधार पर गर्भधारण , संभावनाओं और समस्याओं का विश्लेषण करने में सहायक हो सकता है। आइए जानते हैं कि ज्योतिष इस सवाल का उत्तर कैसे दे सकता है। जन्म कुंडली और गर्भधारण का समय ज्योतिष में जन्म कुंडली को व्यक्ति के जीवन के हर पहलू का आइना माना जाता है। यह न केवल आपकी शादी या करियर के बारे में जानकारी देती है, बल्कि आपके परिवार विस्तार और गर्भधारण के समय के बारे में भी भविष्यवाणी कर सकती है। 1. पंचम भाव : पंचम भाव (पांचवां घर) बच्चों का प्रतिनिधित्व करता है। इस भाव में मौजूद ग्रह और उनके प्रभाव गर्भधारण की संभावनाओं को दर्शाते हैं। 2. जुपिटर (गुरु) : गुरु को संतान और ज्ञान का कारक माना जाता है। यदि गुरु का प्रभाव शुभ है, तो गर्भधारण के अच्छे योग बन सकते हैं। 3. चंद्रमा और शुक्र का महत्व : चंद्रमा और शुक्र का स्वस्थ और मजबूत होना ग...