स्वास्थ्य ज्योतिष: कुंडली में छुपा है रोग-मृत्यु का रहस्य

 

स्वास्थ्य और जीवन की दीर्घायु हर व्यक्ति की प्राथमिकता होती है। चाहे किसी भी उम्र के हों, हर इंसान चाहता है कि उसका शरीर स्वस्थ रहे और वह लंबा जीवन जिए। लेकिन कई बार जीवन में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं अचानक सामने आ जाती हैं, जिनके कारणों को समझना मुश्किल होता है। ऐसी परिस्थितियों में वैदिक ज्योतिष न केवल समस्याओं का कारण बताती है बल्कि उनके समाधान भी प्रदान करती है। स्वास्थ्य ज्योतिष/health astrology के अनुसार, हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में रोग और मृत्यु से जुड़े संकेत छिपे होते हैं। आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं।

जन्म कुंडली में रोग का समय

ज्योतिष में जन्म कुंडली को व्यक्ति के स्वास्थ्य का आईना माना गया है। इसमें रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत छठे, आठवें और बारहवें भाव से मिलता है। इन भावों में स्थित ग्रह और उनकी दशा, महादशा, और गोचर से रोगों के समय और प्रकार का अनुमान लगाया जा सकता है।

छठा भाव (षष्ठ भाव)

छठा भाव रोग, शत्रु, और ऋण का भाव माना जाता है। इस भाव में स्थित ग्रह किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालते हैं।

1. राहु और केतु: राहु छठे भाव में मानसिक तनाव, पेट के रोग और विषाक्तता जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है। केतु त्वचा और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है।

2. शनि: यदि छठे भाव में शनि स्थित हो, तो व्यक्ति को पुराने रोग और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

3. मंगल: यह ग्रह छठे भाव में हो तो चोट, दुर्घटना या सर्जरी की संभावना बढ़ जाती है।

आठवां भाव (अष्टम भाव)

आठवां भाव मृत्यु, आयु और गंभीर बीमारियों से जुड़ा है।

· यदि इस भाव में राहु, शनि, या मंगल हो, तो व्यक्ति को दीर्घकालिक या जानलेवा बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

· गुरु या चंद्रमा इस भाव में हों, तो व्यक्ति को अचानक स्वास्थ्य लाभ या चमत्कारी उपचार मिल सकता है।

बारहवां भाव (द्वादश भाव)

बारहवां भाव अस्पताल, इलाज और खर्च से जुड़ा है।

· यदि इस भाव में सूर्य या मंगल हो, तो व्यक्ति को अस्पताल जाने की स्थिति बन सकती है।

· शुक्र या बुध इस भाव में हो तो व्यक्ति को अच्छी चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं।

रोग से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए ज्योतिषीय उपाय बहुत कारगर हो सकते हैं। ये उपाय ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने और स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक होते हैं।

ग्रहों के अनुसार उपाय

1. मंगल के उपाय:

o मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

o रक्तदान करें और लाल वस्त्र धारण करें।

o मसूर की दाल का दान करें।

2. राहु और केतु के उपाय:

o शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

o राहु–केतु शांति यज्ञ करवाएं।

o काले तिल और नारियल का दान करें।

3. शनि के उपाय:

o शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।

o शनि मंत्र का जाप करें: “ॐ शं शनैश्चराय नमः।“

o काले कपड़े और लोहे का दान करें।

4. चंद्रमा के उपाय:

o सोमवार को शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।

o चंद्रमा को मजबूत करने के लिए चावल का दान करें।

o “ॐ सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें।

5. सूर्य के उपाय:

o हर सुबह सूर्य को जल अर्पित करें।

o “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।

o गुड़ और गेहूं का दान करें।

हर तरह के रोग व क्‍लेश दूर करने का आसान उपाय

महामृत्युंजय मंत्र को स्वास्थ्य और रोगों से बचाव के लिए सबसे शक्तिशाली माना गया है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है, बल्कि मानसिक शांति और दीर्घायु भी प्राप्त होती है।

· मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।“

मंत्र जाप के फायदे:

· मानसिक तनाव कम होता है।

· रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।

· नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

अन्य उपाय

1. नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें।

2. आयुर्वेदिक जड़ी–बूटियों का सेवन करें।

3. सकारात्मक सोच और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।

निष्कर्ष

स्वास्थ्य ज्योतिष व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़े रहस्यों को जानने का एक शक्तिशाली माध्यम है। कुंडली में छठे, आठवें और बारहवें भाव और ग्रहों की स्थिति को देखकर न केवल रोगों का पता लगाया जा सकता है, बल्कि उनके समाधान भी खोजे जा सकते हैं। ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को सुधार सकता है और एक संतुलित, सुखी जीवन जी सकता है।

यदि आप या आपका कोई प्रियजन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा है, तो किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लें और अपनी कुंडली का गहन विश्लेषण करवाएं। यह न केवल आपकी समस्याओं का समाधान करेगा, ज्योतिष के अनुसार आपका जीवन काल कितना होगा, बल्कि आपके जीवन को नई दिशा देने में भी सहायक होगा।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

Source: https://kundlihindi.com/blog/specific-diseases-in-birth-chart/

Comments

Popular posts from this blog

Know How To Stop Health Related Problems Using Birth Chart

Benefits of Kundli Matching In Your Life

How To Predict Property for Selling and Buying