क्या दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना आवश्यक है

 

दूसरी शादी के बारे में विचार करना एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण निर्णय होता है, क्योंकि यह न केवल व्यक्ति की भावनाओं और इच्छाओं से जुड़ा होता है, बल्कि यह उनकी सामाजिक और पारिवारिक स्थिति से भी प्रभावित होता है। खासतौर पर जिन व्यक्तियों ने पहले शादी की और तलाक लिया हो, उनके लिए दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलान एक महत्वपूर्ण विषय बन जाता है। यह सवाल अक्सर उठता है, “क्या दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना आवश्यक है?” आइए, ड़ॉ विनय बजरंगी विस्तार से समझते हैं।

दूसरी शादी और कुंडली मिलान

हिंदू परंपरा में शादी का महत्व बहुत बड़ा होता है, और इसे केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि यह एक पवित्र बंधन होता है जो दो व्यक्तियों को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक रूप से जोड़ता है। जब एक व्यक्ति तलाक या किसी अन्य कारण से पहली शादी को खत्म कर देता है, तो वह दूसरी शादी के लिए फिर से नए जीवन की शुरुआत करने की सोचता है। ऐसे में, कुछ लोग अपने परिवार और समाज के दबाव के कारण दूसरी शादी की योजना बनाते हैं।

क्या दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना आवश्यक है?

कुंडली मिलान भारतीय ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो जीवनसाथी के चयन में मार्गदर्शन करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे खासकर शादी के पहले किया जाता है ताकि दांपत्य जीवन सुखमय और सफल हो। दूसरी शादी के लिए भी कुंडली मिलाना कुछ मामलों में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए, इसे समझते हैं:

1. कुंडली में दूसरी शादी का योग
ज्योतिष में कुछ विशेष ग्रहों और राशियों के प्रभाव को देखा जाता है, जो यह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी व्यक्ति की शादी कैसे होगी। कुंडली में दूसरी शादी योग/ Second Marriage yoga हों, तो यह यह संकेत दे सकता है कि व्यक्ति को जीवन में दो बार विवाह करना पड़ेगा। कुंडली मिलाने से यह स्पष्ट होता है कि विवाह के लिए कोई अनुकूल समय है या नहीं।

2. तलाक और दूसरी शादी
यदि किसी व्यक्ति का तलाक हुआ हो, तो उसकी कुंडली में तलाक के संकेतों को भी देखा जाता है। ज्योतिष में खासतौर पर ‘7वें घर‘ और ‘चंद्रमा‘ की स्थिति को देखा जाता है, क्योंकि ये दोनों तत्व विवाह और दांपत्य जीवन से जुड़े होते हैं। कुंडली में यदि इन ग्रहों की स्थिति सही न हो, तो तलाक के योग बन सकते हैं, और इससे व्यक्ति की दूसरी शादी में भी कठिनाइयाँ आ सकती हैं। इसलिए, दूसरी शादी से पहले कुंडली मिलाना यह सुनिश्चित कर सकता है कि भविष्य में संबंध स्थिर होंगे या नहीं।

3. जन्मतिथि द्वारा दूसरी शादी की भविष्यवाणी
जन्मतिथि और ग्रहों के आधार पर ज्योतिषी व्यक्ति की जीवन यात्रा को समझ सकते हैं। इससे यह भी पता चल सकता है कि व्यक्ति के लिए दूसरी शादी का समय कब उपयुक्त रहेगा। जन्मतिथि और कुंडली के आधार पर शादी की भविष्यवाणी की जा सकती है कि दूसरी शादी से व्यक्ति को क्या लाभ या नुकसान हो सकता है।

4. दूसरी शादी वास्त्र
‘वास्त्र‘ का मतलब होता है जीवन के विभिन्न पहलुओं के साथ संतुलन बनाना। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कुछ दोष होते हैं, जैसे कि कालसर्प दोष या अन्य कोई ग्रह दोष, तो यह दांपत्य जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में, वास्त्र या शुद्धता के उपायों का पालन करने से जीवन में सुख और समृद्धि मिल सकती है। दूसरी शादी के लिए ये उपाय महत्वपूर्ण होते हैं, ताकि जो समस्याएँ पहली शादी में आईं, वे दूसरी शादी में न आएं।

5. नशे की लत और शराबबंदी के समाधान
कुछ लोग शादी के बाद नशे की लत या शराब की आदतों से परेशान होते हैं, जो उनके दांपत्य जीवन को प्रभावित कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में इन आदतों के कारण दांपत्य जीवन में असंतुलन दिखता हो, तो ज्योतिषी कुछ उपायों का सुझाव दे सकते हैं। इससे न केवल व्यक्ति की शादी की संभावना बढ़ सकती है, बल्कि उनके जीवन में सुख और समृद्धि भी आ सकती है।

6. करियर ज्योतिष
करियर भी किसी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसका प्रभाव विवाह पर भी पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति का करियर अच्छा नहीं चल रहा है, तो यह उनके दांपत्य जीवन को प्रभावित कर सकता है। कुंडली मिलान से यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का करियर कैसा चलने वाला है और क्या उनकी नौकरी या व्यवसाय के कारण उनकी शादी में कोई रुकावट आ सकती है।

7. आज का राशिफल
राशिफल भी एक महत्वपूर्ण तरीका है यह जानने का कि किसी व्यक्ति का भविष्य कैसा होगा। आज का राशिफल पढ़कर यह जान सकते हैं कि किसी विशेष दिन विवाह के लिए शुभ है या नहीं। यह भविष्यवाणी व्यक्तिगत जीवन में आने वाली बाधाओं और अनुकूलताओं को दर्शाता है।

निष्कर्ष

हालांकि, यह कहना कि दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना ‘आवश्यक‘ है, एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण है। कुछ लोग इसे बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि दूसरों के लिए यह सिर्फ एक सांस्कृतिक और पारंपरिक कदम होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कुछ विशेष दोष या ग्रहों की स्थिति खराब हो, तो कुंडली मिलाना एक सही कदम हो सकता है। इसके अलावा, हर व्यक्ति का अनुभव और जीवन परिस्थितियाँ अलग होती हैं, इसलिए किसी भी निर्णय से पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना हमेशा एक अच्छा विकल्प होता है।

अंत में, दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना एक मददगार उपाय हो सकता है, लेकिन यह व्यक्ति की इच्छाओं, परिस्थितियों और समाजिक मान्यताओं पर निर्भर करता है।

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Source: https://kundlihindi.com/blog/dusre-shadi-ke-liye-kundli-milan/

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