कुंडली से पिछले जीवन के बारे में कैसे पता चलेगा?

 

क्या आपने कभी यह सोचा है कि आपके जीवन में जो समस्याएं चल रही हैं, उनका कारण पिछला जन्म भी हो सकता है? भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हमारी वर्तमान जन्म की स्थितियाँ, सुख–दुख और कर्मफल — हमारे पूर्व जन्म के कर्मों से प्रभावित होते हैं। इसी कारण आजकल लोग यह जानना चाहते हैं कि कुंडली से पिछले जीवन के बारे में कैसे पता चलेगा?

इस लेख में हम बताएंगे कि कैसे आपकी जन्म कुंडली में छुपे संकेत आपके पिछले जन्म के रहस्य को उजागर कर सकते हैं। साथ ही हम जानेंगे कि भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. विनय बजरंगी इस विषय पर क्या कहते हैं।

पिछले जन्म की जानकारी कुंडली से कैसे मिलती है?

आपकी कुंडली 12 भावों में बंटी होती है। इनमें से कुछ भाव विशेष रूप से आपके पिछले जन्म के कर्म, पाप, और अधूरी इच्छाओं के बारे में जानकारी देते हैं। विशेष रूप से:

· द्वादश भाव (12वां भाव): यह भाव मोक्ष, पूर्व जन्म, और अधूरी इच्छाओं से संबंधित होता है।

· अष्टम भाव (8वां भाव): इसे रहस्यों का घर भी कहा जाता है और यह गुप्त कर्मों का सूचक है।

· पंचम भाव (5वां भाव): यह भाव पिछले जन्म के पुण्य और संस्कारों का प्रतिनिधित्व करता है।

जब इन भावों पर शनि, राहु, केतु या अन्य क्रूर ग्रहों की स्थिति होती है तो यह संकेत करते हैं कि व्यक्ति को अपने पिछले जन्म के कर्मों का फल इस जीवन में भुगतना पड़ सकता है।

पिछले जन्म के संकेत: कुंडली में क्या देखें?

1. राहु और केतु की स्थिति

राहु और केतु को कर्मों का सूचक ग्रह माना जाता है। इनकी स्थिति यह बताती है कि पिछले जन्म में आपने किन क्षेत्रों में अत्यधिक आसक्ति या वंचना अनुभव की थी।

2. अष्टम और द्वादश भाव में ग्रह

यदि आपकी कुंडली में शनि, मंगल, राहु या केतु जैसे ग्रह 8वें या 12वें भाव में स्थित हैं, तो ये संकेत करते हैं कि पिछले जन्म में कुछ अधूरे कर्म या पाप शेष रह गए हैं।

3. मोक्ष त्रिकोण

चतुर्थ, अष्टम और द्वादश भाव मिलकर मोक्ष त्रिकोण बनाते हैं। यदि इन भावों में शुभ ग्रहों की स्थिति हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति को इस जन्म में मोक्ष प्राप्ति या आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्राप्त हो सकता है।

डॉ. विनय बजरंगी की दृष्टि से पिछले जन्म की कुंडली व्याख्या

डॉ. विनय बजरंगी का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति जीवन में लगातार बाधाओं, मानसिक तनाव, या अनजाने भय से गुजर रहा है, तो उसका कारण पूर्व जन्म का कर्म हो सकता है। वे Past Life Astrology के माध्यम से यह पता लगाने में मदद करते हैं कि आपने पिछले जन्म में क्या कर्म किए थे और उनका प्रभाव आपके वर्तमान जीवन में कैसा पड़ रहा है।

उनकी वेबसाइट पर आप पिछले जन्म की कुंडली रिपोर्ट भी प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें आपकी जन्म कुंडली के आधार पर विस्तृत जानकारी दी जाती है।

पिछले जन्म को जानने के लाभ

· जीवन में चल रही समस्याओं का कारण समझना

· सही उपाय और समाधान खोजना

· आत्मिक शांति प्राप्त करना

· मोक्ष की ओर अग्रसर होना

FAQs — पिछले जन्म के बारे में जानने से जुड़े प्रश्न

Q1. क्या कुंडली से सच में पिछले जन्म की जानकारी मिल सकती है?

जी हां, वैदिक ज्योतिष में ऐसे कई सिद्धांत हैं जो बताते हैं कि कैसे जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति से पूर्व जन्म के कर्मों का विश्लेषण किया जा सकता है।

Q2. कौन से ग्रह पिछले जन्म के कर्मों से जुड़े होते हैं?

राहु, केतु, शनि, और कुछ हद तक मंगल पिछले जन्म के कर्मों का गहरा प्रभाव दर्शाते हैं।

Q3. क्या डॉ. विनय बजरंगी पिछले जन्म की कुंडली देखते हैं?

हां, डॉ. विनय बजरंगी इस क्षेत्र के अनुभवी विशेषज्ञ हैं और वे Past Life Analysis through Astrology के माध्यम से लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

Q4. क्या पिछले जन्म की जानकारी से समस्याओं का समाधान संभव है?

बिलकुल। जब आप समस्या की जड़ समझ जाते हैं, तो ज्योतिषीय उपाय और कर्म सुधार के द्वारा उसका समाधान भी पाया जा सकता है।

Q5. क्या यह सेवा ऑनलाइन उपलब्ध है?

हां, आप डॉ. विनय बजरंगी की वेबसाइट पर जाकर पिछले जन्म की कुंडली रिपोर्ट ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष

कुंडली से पिछले जीवन के बारे में जानना सिर्फ जिज्ञासा नहीं बल्कि आत्म–ज्ञान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि आप अपने जीवन में चल रही जटिलताओं और मानसिक उलझनों का कारण जानना चाहते हैं, तो एक बार अपनी जन्म कुंडली/kundli का पिछले जन्म का विश्लेषण अवश्य करवाएं।

डॉ. विनय बजरंगी जैसे विशेषज्ञ की मदद से आप न केवल अपने पिछले जीवन के कर्मों को जान सकते हैं बल्कि अपने वर्तमान जीवन को सुधारने के उपाय भी प्राप्त कर सकते हैं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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Source: https://kundlihindi.com/blog/past-life-reading/

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