Chhath Puja 2025: जानिए परंपरा और शुभ मुहूर्त एक साथ

 

इया के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। 2025 में भी यह पर्व बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। इस लेख में हम जानेंगे छठ पूजा 2025/ Chhath Puja 2025 की तारीख, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और इसका ज्योतिषीय महत्व, जिसे डॉ. विनय बजरंगी के अनुभवजन्य दृष्टिकोण से भी समझा जा सकता है।

छठ पूजा 2025 कब है? (Chhath Puja 2025 Date and Muhurat)

2025 में छठ पूजा चार दिनों तक मनाई जाएगी। यह कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन पड़ता है।

छठ पूजा 2025 की तिथियाँ:

  • नहाय-खाय: 25 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
  • खरना: 26 अक्टूबर 2025 (रविवार)
  • संध्या अर्घ्य: 27 अक्टूबर 2025 (सोमवार) – शाम 5:40 बजे
  • उषा अर्घ्य और पारण: 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) – प्रातः 6:30 बजे

(नोट: मुहूर्त समय आपके क्षेत्र के अनुसार थोड़े अलग हो सकते हैं। सटीक जानकारी के लिए डॉ. विनय बजरंगी की वेबसाइट देखें।)

छठ पूजा की परंपरा और महत्व

छठ पूजा मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाई जाती है। इस व्रत की परंपरा वैदिक काल से जुड़ी है, जहाँ सूर्य देव को जीवन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना गया।

प्रमुख मान्यताएँ:

  • सूर्य देव जीवन ऊर्जा के स्रोत हैं, जो आरोग्य और सफलता प्रदान करते हैं।
  • छठी मइया को बच्चों की रक्षा और परिवार की उन्नति की देवी माना जाता है।
  • यह व्रत व्यक्ति के आत्मिक शुद्धिकरण और मानसिक स्थिरता का प्रतीक है।

डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, छठ पूजा में सूर्य की स्थिति और राशि परिवर्तन का विशेष महत्व है। सूर्य की आराधना के लिए यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है।

छठ पूजा की विधि (Step-by-Step Vrat Vidhi)

1. नहाय-खाय (पहला दिन):
व्रती स्नान कर शुद्ध आहार ग्रहण करते हैं और घर में पवित्रता बनाए रखते हैं।

2. खरना (दूसरा दिन):
दिनभर उपवास के बाद सूर्यास्त के बाद खीर, रोटी और गुड़ से प्रसाद बनाकर पूजा की जाती है।

3. संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन):
महिलाएँ नदी या तालाब में खड़ी होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। यह जीवन में नकारात्मकता को दूर करने का प्रतीक है।

4. उषा अर्घ्य (चौथा दिन):
प्रातः काल उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, और उसके बाद व्रत का पारण होता है।

पूजन सामग्री:
ठेकुआ, गुड़, चावल, केला, नारियल, सुपारी, हरी सब्जियाँ, दीपक, और दूध।

ज्योतिषीय दृष्टि से छठ पूजा का महत्व | Dr. Vinay Bajrangi

डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, छठ पूजा सूर्य की उपासना का एक शक्तिशाली योग है जो व्यक्ति के जन्म कुंडली में सूर्य दोष को शांत करता है।

यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो:

  • आत्मविश्वास की कमी, पिता से मतभेद, और करियर में रुकावटें आती हैं।
  • छठ पूजा के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्य की शक्ति बढ़ती है और आत्मबल मजबूत होता है।

लाभ:

  • आर्थिक स्थिरता और करियर में उन्नति।
  • पारिवारिक संबंधों में सामंजस्य।
  • शारीरिक और मानसिक संतुलन।

डॉ. विनय बजरंगी का मानना है कि इस दिन किया गया सूर्य पूजन व्यक्ति के जीवन में प्रकाश, ऊर्जा और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।

छठ पूजा से जुड़ी लोक परंपराएँ

  • गंगा या किसी पवित्र जल स्रोत में अर्घ्य देने की परंपरा है, जिससे जल तत्व की शुद्धि होती है।
  • व्रती बिना नमक, प्याज और लहसुन का सेवन करते हैं।
  • सभी भोजन सात्विक और शुद्ध बनाए जाते हैं।
  • महिलाएँ पीली साड़ी और लाल बिंदी पहनकर पूजा करती हैं, जो सूर्य और शक्ति का प्रतीक है।

छठ पूजा 2025 में क्या करें और क्या करें

करें:

  • सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ध्यान करें।
  • व्रत के दौरान मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें।
  • जरूरतमंदों को दान दें।

करें:

  • अपवित्र स्थानों पर अर्घ्य न दें।
  • व्रत में झूठ या क्रोध से बचें।
  • तेज आवाज या अशांति से दूर रहें।

छठ पूजा और सूर्य की ज्योतिषीय स्थिति

ज्योतिष में सूर्य आत्मा, पिता, और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। छठ पूजा के दौरान सूर्य तुला राशि से वृश्चिक में संक्रमण की अवस्था में रहता है, जिससे उसका प्रभाव परिवर्तनशील होता है।

डॉ. विनय बजरंगी कहते हैं:

“यदि व्यक्ति छठ पूजा के दिन सूर्य मंत्र का जाप करे — ‘ॐ सूर्याय नमः’ — तो यह कुंडली में सूर्य के दोष को कम करता है और जीवन में स्थिरता लाता है।”

FAQs: लोगों के सवाल और उनके जवाब

Q1. छठ पूजा 2025 में किस दिन है?
 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2025 तक चार दिनों तक छठ पूजा मनाई जाएगी।

Q2. छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन कौन-सा है?
 तीसरा और चौथा दिन, जब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है — संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर) और उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर)।

Q3. क्या कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर छठ पूजा लाभकारी है?
 हाँ, यह व्रत सूर्य दोष को शांत कर आत्मविश्वास और सफलता प्रदान करता है।

Q4. छठ पूजा में कौन से नियम सबसे जरूरी हैं?
 शुद्धता, संयम और श्रद्धा के साथ व्रत का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है।

छठ पूजा 2025 सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धता और ऊर्जा का संगम है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने से जीवन में प्रकाश और संतुलन आता है।

ज्योतिषीय रूप से भी यह समय सूर्य शक्ति को जाग्रत करने का सर्वोत्तम अवसर है। यदि आप अपने जीवन में स्थिरता, सफलता और आत्मबल चाहते हैं, तो इस वर्ष छठ पूजा को पूर्ण श्रद्धा से करें।

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Source: https://kundlihindi.com/blog/chhath-puja-2025/

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