कुंडली मिलान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
कुंडली मिलान (Kundli Milan) भारतीय विवाह परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल दो व्यक्तियों बल्कि दो परिवारों के मिलन का आधार होता है। विवाह जीवनभर का बंधन है और इसमें सफलता के लिए ज्योतिषीय संगति (Astrological Compatibility) का होना बेहद जरूरी है। कुंडली मिलान के माध्यम से यह जाना जाता है कि दंपत्ति का आपसी तालमेल, मानसिक स्थिति, आर्थिक स्थिरता, और स्वास्थ्य कैसा रहेगा।
प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, केवल गुण मिलान पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होता। एक सफल विवाह के लिए कई अन्य ज्योतिषीय कारक भी देखना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं कि कुंडली मिलान करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. गुण मिलान (Guna Milan)
सबसे पहले ध्यान दिया जाता है अष्टकूट मिलान (Ashtakoota Matching) पर। इसमें कुल 36 गुणों का मिलान किया जाता है — जैसे वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी।
अगर 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं, तो विवाह सामान्य रूप से अनुकूल माना जाता है। लेकिन केवल गुणों की संख्या ही निर्णायक नहीं होती। Dr. Vinay Bajrangi बताते हैं कि इन गुणों की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है।
2. नाड़ी दोष (Nadi Dosha)
नाड़ी दोष (Nadi Dosha) को कुंडली मिलान में सबसे गंभीर दोषों में से एक माना जाता है। यदि वर–वधू की नाड़ी समान होती है, तो यह विवाह के लिए अशुभ माना जाता है। इससे संतान संबंधित समस्या या वैवाहिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।
हालांकि, अगर अन्य कूटों का मेल बहुत अच्छा है या कुछ अपवाद योग (Exceptions) मौजूद हैं, तो नाड़ी दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है।
3. भकूट दोष (Bhakoot Dosha)
भकूट मिलान दंपत्ति के बीच भावनात्मक जुड़ाव और आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है। यदि भकूट मेल नहीं खाता, तो संबंधों में मतभेद या अलगाव की संभावना बढ़ सकती है।
इसलिए भकूट दोष निवारण उपाय (Bhakoot Dosh Remedies) भी आवश्यक हैं, जिन्हें एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य जैसे Dr. Vinay Bajrangi ही सही तरीके से बता सकते हैं।
4. मंगल दोष (Mangal Dosha)
मंगल दोष (Manglik Dosha) या कुज दोष विवाह में सबसे चर्चित विषयों में से एक है। अगर किसी की कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में हो, तो व्यक्ति मांगलिक (Manglik) कहलाता है।
इससे विवाह के बाद झगड़े, अस्थिरता या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
लेकिन यह दोष हर किसी के लिए समान नहीं होता। सही विश्लेषण के लिए मंगल दोष निवारण उपाय (Mangal Dosh Remedies) को देखना चाहिए।
5. ग्रह स्थिति और दशा
ग्रहों की स्थिति (Planetary Position), दशा–अंतर्दशा, और ग्रह दृष्टि का कुंडली मिलान में बहुत बड़ा योगदान होता है।
कभी–कभी गुण मिलान अच्छा होने के बावजूद विवाह सफल नहीं होता क्योंकि ग्रहों की दशा अनुकूल नहीं होती। इसलिए Dr. Vinay Bajrangi सलाह देते हैं कि विवाह से पहले दशा विश्लेषण (Dasha Analysis) अवश्य कराया जाए।
6. सातवां भाव (7th House)
सप्तम भाव (Seventh House) वैवाहिक जीवन का भाव माना जाता है। इसमें उपस्थित ग्रह और उसकी दृष्टि यह बताते हैं कि व्यक्ति का विवाह जीवन कैसा रहेगा।
अगर सप्तम भाव में शुभ ग्रह (Benefic Planets) हैं, तो वैवाहिक जीवन सुखद होता है। वहीं पाप ग्रह (Malefic Planets) होने पर संघर्ष या अस्थिरता बढ़ सकती है।
7. दशा और गोचर का प्रभाव
विवाह का सही समय तय करने के लिए गोचर (Transit) और दशा का प्रभाव देखना जरूरी है। गलत समय पर विवाह करने से जीवन में अनचाहे विवाद या तनाव आ सकते हैं।
Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, कुंडली आधारित विवाह मुहूर्त (Marriage Muhurat by Kundli) का चयन जीवनभर की स्थिरता और सुख का आधार होता है।
Dr. Vinay Bajrangi की सलाह
Dr. Vinay Bajrangi, जो कि प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य हैं, कहते हैं कि –
“केवल गुण मिलान पर निर्भर रहना सही नहीं। कुंडली मिलान में संपूर्ण जन्म कुंडली, दशा, ग्रह स्थिति और भावों का विश्लेषण आवश्यक है। तभी एक सफल, स्थिर और सुखी विवाह की भविष्यवाणी की जा सकती है।“
कुंडली मिलान के लाभ
· वैवाहिक अनुकूलता की सही जानकारी
· संभावित विवादों की पहले पहचान
· दोष निवारण उपायों से सुखी जीवन
· सही विवाह मुहूर्त का निर्धारण
· Dr. Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषी से व्यक्तिगत मार्गदर्शन
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. क्या केवल गुण मिलान देखकर विवाह तय किया जा सकता है?
नहीं, केवल गुण मिलान पर्याप्त नहीं है। कुंडली में ग्रहों की दशा, सप्तम भाव, और दोषों का विश्लेषण भी जरूरी होता है।
Q2. अगर नाड़ी दोष हो तो क्या विवाह नहीं हो सकता?
जरूरी नहीं। कुछ विशेष योग और अपवादों से नाड़ी दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके लिए Dr. Vinay Bajrangi से परामर्श लेना उचित होगा।
Q3. क्या मांगलिक व्यक्ति का विवाह गैर–मांगलिक से नहीं हो सकता?
हो सकता है, लेकिन इसके लिए मांगलिक दोष निवारण उपाय करना जरूरी है और दोनों कुंडलियों का गहराई से विश्लेषण आवश्यक है।
Q4. कुंडली मिलान कब कराना चाहिए?
जब रिश्ता तय होने की संभावना हो, तभी दोनों की जन्म कुंडली लेकर किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से कुंडली मिलान कराना चाहिए।
Q5. क्या Dr. Vinay Bajrangi ऑनलाइन कुंडली मिलान सेवा देते हैं?
हाँ, Dr. Vinay Bajrangi की वेबसाइट पर आप ऑनलाइन कुंडली मिलान (Online Kundli Milan) सेवा का लाभ ले सकते हैं और व्यक्तिगत सलाह भी प्राप्त कर सकते हैं।
किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
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Source: https://kundli-matching.com/blogs/love-marriage-prediction-compatibility-through-astrology/
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